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पहली बार इंगलैंड की महारानी की सुरक्षा में अश्वेत

ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार इंगलैंड की महारानी के निजी सुरक्षा सहायक के तौर पर किसी अश्वेत कर्मचारी की नियुक्ति हुई है. मेजर नाना कोफी तवुमसी अंकराह को रॉयल हाउस में महारानी के निजी अश्वरोही बल के सुरक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी मिली है. घाना में जन्मे मेजर ने अफगानिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी […]

ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार इंगलैंड की महारानी के निजी सुरक्षा सहायक के तौर पर किसी अश्वेत कर्मचारी की नियुक्ति हुई है. मेजर नाना कोफी तवुमसी अंकराह को रॉयल हाउस में महारानी के निजी अश्वरोही बल के सुरक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी मिली है. घाना में जन्मे मेजर ने अफगानिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. वह महारानी के वफादार सेवकों में एक माने जाते हैं. इसी कारण उन्हें टीए यानी ट्रस्टेड अटेंडेंट्स ने नाम से भी पुकारा जाता है. 38 वर्षीय मेजर अंकराहा 1982 में अपने परिवार के साथ घाना से यूके आये थे. उन्होंने क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी लंदन और रॉयल मिलिट्री एकेडमी में पढ़ाई की.
पहली बार वह ब्रिटिश सेना के ब्लू एंड रॉयल सेना के अश्वेत सैन्य पदाधिकारी बने. साथ ही उन्होंने राज परिवार के निजी सुरक्षा की जिम्मेवारी भी मिली. 2011 में वह ड्यूक और डचेज की शादी की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठा चुके हैं. उसी साल उन्होंने महारानी के जन्मदिन के अवसर पर ब्लू एंड रॉयल के परेड को कमांड किया. मेजर लंदन में अपनी पत्नी जोहाना हाना ग्रिंडल के साथ रहती हैं.
जोहाना विक्टोरिया एंड अलबर्ट में काम करती हैं. बकिंघम पैलेस 2001 में रंगभेद के मुद्दे पर घिरा था, जब प्रिंस चार्ल्स की पूर्व निजी सचिव एलिजाबेथ बर्गिज ने दावा किया था कि रॉयल पैलेस के स्टाफ यहां सिर्फ गोरे लोगों को देखना पसंद करती हैं, क्योंकि यह काफी ऊंची और कुलीन जगह है. हालांकि प्रिंस के सॉलीसीटर ने तब कहा था कि यहां काम करने के लिए वर्ग, रंग, जाति या संस्कृति की कोई शर्त नहीं है.

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