रोहिंग्या शरणार्थी संकटः संयुक्त राष्ट्र ने विश्व समुदाय से की मानवीय आधार पर मदद करने की अपील

वाशिंगटनः संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील किया है कि वह अपने राजनीतिक मतभेदों को परे रखते हुए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की मदद के लिए किये जा रहे मानवीय प्रयासों में सहयोग करें. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारीक ने न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में अपने दैनिक दोपहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2017 10:57 AM

वाशिंगटनः संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील किया है कि वह अपने राजनीतिक मतभेदों को परे रखते हुए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों की मदद के लिए किये जा रहे मानवीय प्रयासों में सहयोग करें. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारीक ने न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में अपने दैनिक दोपहर संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हमने रोहिंग्या मुस्लिमों की साथ हो रही दुखद घटनाओं पर चिंताओं को स्पष्ट रूप से जाहिर किया है. ये लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर किये गये हैं. जिस तरह की खबरें और तस्वीरें हमारे पास आ रही है, वह दिल को दुखाने वाली है.

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उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद इस दिशा में किये जा रहे मानवीय प्रयास में सहयोग करना चाहिए. सरहद पार करने वाले ये लोग बहुत ही कमजोर और असुरक्षित हैं. ये लोग भूखे और कुपोषित हैं, इन्हें मदद मिलनी ही चाहिए. रोहिंग्या शरणार्थियों पर क्षेत्रीय देशों की भूमिका को लेकर उनसे एक संवाददाता ने सवाल किया था, बड़े क्षेत्रीय देशों सहित खासकर के भारत ने रोहिंग्या संकट को लेकर अपना पक्ष साफ कर दिया है. वह ऐसे वक्त में मदद के लिए सामने नहीं आये हैं, जब उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो सकती थी.

प्रवक्ता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समूह ने 3,00,000 रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए आपातकालीन योजना तैयार की थी. उन्होंने कहा कि वह संख्या निश्चित रूप से पार हो चुकी है. हम लोग तत्काल अधिक वित्त पोषण के लिए अपील कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि चाहे वह यूएनएचसीआर, डब्ल्यूएफपी हो या अन्य एजेंसियां हो, हम लोग जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी देश तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमें मिली सूचनाओं के अनुसार, अभी तक हम सभी जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने में सफल नहीं हो सके हैं. उन्होंने कहा कि हमारे सामने नयी चुनौती यह है कि ज्यादातर लोग सीमा पार कर रहे हैं और अस्थायी बस्तियों में जा रहे हैं. यदि वह स्थाई बस्तियों में रहते तो हमारे लिए उन तक मदद पहुंचाना बहुत आसान होता. डुजारीक ने बताया कि बांग्लादेश सरकार ने यहां पहुंचे शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र से नए शिविर स्थापित करने में मदद की अपील की है.

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त कार्यालय की ओर से आपातकालीन सहायता की वस्तुओं को लेकर गया विमान बांग्लादेश में उतर चुका है. यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार स्थत शरणार्थी शिविर में आपूर्ति करेगा. वहीं, संयुक्त अरब अमीरात के द्वारा मदद के रूप में भेजा गया दूसरा विमान बांग्लादेश पहुंचा, जिसमें 2,000 फैमिली टेंट थे. दोनों विमानों से हुई आपूर्ति 25,000 शरणार्थियों की मदद करेगा. वहीं, 120,000 लोगों तक सहयता पहुंचाने के लिए अन्य विमान भेजने की भी योजना है.

डब्ल्यूएफपी उन महिलाओं और बच्चों के लिए चिंतित है, जो भूखे और कुपोषित अवस्था में बांग्लादेश पहुंच रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र म्यांमा की सीमा से आ रही हिंसा की खबरों और रखाइन प्रांत के राठेरदंग टाउनशिप से हजारों लोगों के विस्थापित होने की खबर से चिंतित है. प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों की तरफ से और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों की तरफ से उत्तरी रखाइन में सहायता पहुंचाने का कार्य या तो निलंबित है या बड़े पैमाने पर बाधित है. हालांकि, सरकार और रेड क्रॉस कुछ सहायता कार्य कर रहे हैं.

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