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संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बौखलाया उत्तर कोरिया, हथियार कार्यक्रम और आगे बढ़ाने का लिया संकल्प

सोल : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से लगाये गये सबसे कड़े ताजा प्रतिबंधों को दुष्टतापूर्ण बताते हुए उत्तर कोरिया ने अपने हथियार कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने का संकल्प किया है. देश की सरकारी संवाद समिति केसीएनए की ओर से प्रकाशित उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, अमेरिका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2017 1:26 PM

सोल : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से लगाये गये सबसे कड़े ताजा प्रतिबंधों को दुष्टतापूर्ण बताते हुए उत्तर कोरिया ने अपने हथियार कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने का संकल्प किया है. देश की सरकारी संवाद समिति केसीएनए की ओर से प्रकाशित उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, अमेरिका की ओर से लाये गये अवैध और दुष्टतापूर्ण प्रतिबंधों वाले प्रस्ताव को मंजूरी मिलना, डीपीआरके (उत्तर कोरिया) के लिए इसकी पुष्टि करने का और एक अवसर है कि उसके द्वारा चुना गया रास्ता सही है.

मंत्रालय ने बयान में कहा है, डीपीआरके देश की सम्प्रभुता और अस्तित्व के अधिकार को सुरक्षित रखने की क्षमता बढ़ाने के अपने प्रयासों को दोगुना करेगा. प्योंगयोंग की ओर से किये गये छठे परमाणु परीक्षण के बाद उसपर लगाये गये ताजा प्रतिबंधों में उत्तर कोरिया को कपड़ा निर्यात करने और तेल उत्पादों की खेप भेजने पर रोक लगा दी गयी है. अमेरिका की ओर से पेश प्रतिबंधों के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी मिली थी.

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गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को उत्तर कोरिया पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी. इसमें उसके परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए तेल आयात और तेल निर्यात पर पाबंदी भी शामिल है. तीन सितंबर को उत्तर कोरिया द्वारा छठे और सबसे बड़े परमाणु परीक्षण के जवाब में यह कदम उठाया गया. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा, आज, हम दुनिया को यह बता रहे हैं कि हम कभी भी परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया को स्वीकार नहीं करेंगे. आज, सुरक्षा परिषद का कहना है कि अगर उत्तर कोरिया शासन ने अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं किया, तो हम उसे रोकने के लिए खुद कदम उठायेंगे.

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हेली ने कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों को ईंधन एवं धन मुहैया करवाने वाले साधनों को निशाना बना रहा है. अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा तेल आयात पर पूर्ण प्रतिबंध सहित कई कठोर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन, प्योंगयोंग के सहयोगी रूस और चीन के प्रावधान को घटाने पर सहमति के बाद ही सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित किया गया. अमेरिकी राजदूत ने जिक्र किया कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार बनाने एवं वितरित करने में तेल की मुख्य भूमिका है. प्रस्ताव के तहत गैस, डीजल और भारी ईंधन तेल में 55 प्रतिशत तक कटौती करने से उत्तर कोरिया को मिलने वाले तेल में 30 प्रतिशत तक की कमी आयेगी.

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