जानिए कैसे मतदान के बिना ही सिंगापुर को मिली पहली महिला राष्ट्रपति, लोगों में आक्रोश

सिंगापुर : सिंगापुर में देश की पहली महिला राष्ट्रपति बुधवार को चुन ली गयीं. लेकिन लोग इस निर्वाचन को अलोकतांत्रिक बताकर इसकी आलोचना कर रहे हैं. मुस्लिम मलय अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाली हलीमा याकूब संसद की पूर्व अध्यक्ष हैं. राष्ट्रपति पद पर चुने जाने के लिए उन्हें वास्तविक रूप से इस महीने होने वाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2017 11:11 AM
सिंगापुर : सिंगापुर में देश की पहली महिला राष्ट्रपति बुधवार को चुन ली गयीं. लेकिन लोग इस निर्वाचन को अलोकतांत्रिक बताकर इसकी आलोचना कर रहे हैं.
मुस्लिम मलय अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाली हलीमा याकूब संसद की पूर्व अध्यक्ष हैं. राष्ट्रपति पद पर चुने जाने के लिए उन्हें वास्तविक रूप से इस महीने होने वाले चुनाव का सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि प्रशासन ने इस पद पर खड़े होने के लिए उनके विरोधियों को अयोग्य करार दिया था.
यहां पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है कि सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को आयोग्य करार दिया है जिसके बाद चुनाव अनावश्यक हो गया है.
यहां दशकों से एक ही पार्टी सत्ता में है. देश में पहले से ही चुनाव की प्रक्रिया को लेकर अशांति थी क्योंकि ऐसा पहली बार हो रहा था जब खास जातीय समूह मलय समुदाय के लिए राष्ट्रपति पद आरक्षित कर दिया गया था लेकिन बिना वोट के ही हलीमा के हाथ में सत्ता सौंपने के फैसले ने लोगों को गुस्सा और बढ़ा दिया. औपचारिक रूप से राष्ट्रपति बनने की घोषणा होने के बाद हिजाब पहनने वाली 63 वर्षीय हलीमा की आलोचना सोशल मीडिया पर हो रही है.
एक फेसबुक यूजर पेट इंग ने लिखा, बिना चुनाव के निर्वाचित, क्या मजाक है. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से पहले हलीमा सत्तारूढ़ एक्शन पार्टी से पिछले दो दशक से संसद सदस्य थी. हलीमा ने कहा, मैं सभी लोगों की राष्ट्रपति हूं. हालांकि चुनाव नहीं हुआ लेकिन आपकी सेवा करने की मेरी प्रतिबद्धता पहले जैसी ही है.

Next Article

Exit mobile version