पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा-अमेरिका को संतुष्ट करना संभव नहीं, संबंधों का कर रहे पुनर्मूल्यांकन

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने कहा है कि उनका देश अमेरिका के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने वाशिंगटन पर उन खतरों की अनदेखी करने का आरोप लगाया जो भारत की ओर से उनके देश को है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आंतकवादियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2017 7:21 PM

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने कहा है कि उनका देश अमेरिका के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने वाशिंगटन पर उन खतरों की अनदेखी करने का आरोप लगाया जो भारत की ओर से उनके देश को है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आंतकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया था. ट्रंप ने पाकिस्तान को मिलनेवाले अमेरिकी फंड को रोकने की चेतावनी भी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान अपनी धरती पर पल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा तो उसे दी जानेवाली अमेरिकी सहायता रोक दी जायेगी. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया और विदेश मंत्री का यह बयान उसी की पृष्ठभूमि पर आया है.

डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, खान ने कल कहा था कि अमेरिका को संतुष्ट करना पाकिस्तान के लिए संभव नहीं है. उन्होंने मीडिया से कहा, हम यहां अपना पक्ष तार्किकता और साक्ष्यों के साथ रखने के लिए हैं. हम अपनी स्थिति का विवरण देंगे. लेकिन, उन्हें संतुष्ट करना हमारा काम नहीं है. रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार अमेरिका के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन कर रही है. खान ने कहा कि दोनों देशों को उनसे जुड़े मुद्दों पर स्पष्ट और निर्भीक बातचीत की जरूरत है. क्योंकि दोनों के बीच मतभेद अफगानिस्तान और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर भी दिखाई देंगे.

रक्षा मंत्री ने इस बात पर असंतोष जताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत से खतरे की बात पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका, भारत और अफगानिस्तान के बीच मिलीभगत है जो पाकिस्तान के लिए खतरा है. उन्होंने कहा, अमेरिका सब कुछ जानता है लेकिन अपने सामरिक हितों के कारण हमारे खतरों की अनदेखी कर रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा, हमें भारत से जो खतरा है अमेरिका उसकी अनदेखी नहीं कर सकता. यह गंभीर (स्थिति) है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आगे होनेवाली बातचीत में पाकिस्तानी पक्ष को यह मनवा पाना चुनौतीपूर्ण होगा.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सामने यह चुनौती भी है कि अमेरिका हमेशा अपना रुख बदलता रहता है. डॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ अगले सप्ताह न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के साथ जायेंगे. साथ ही वह इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात के लिए वाशिंगटन जा सकते हैं.

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