जापानियों के लिए ‘कृष्णलीला’ से ‘ला टोक्यो’ बन गया गुजराती होटल
ऑटोमोबाइल उद्योग और इससे जुड़ी परियोजनाओं ने गुजरात की तस्वीर बदल दी है. बहुत सी चीज़ें यहां नई आई हैं और बहुत कुछ ग़ायब हो गया है. बदलाव की इस प्रक्रिया में जापानी व्यंजनों वाले रेस्तरां के रूप में नई कड़ियां जुड़ी हैं. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने के लिए अहमदाबाद आए जापान के […]
ऑटोमोबाइल उद्योग और इससे जुड़ी परियोजनाओं ने गुजरात की तस्वीर बदल दी है.
बहुत सी चीज़ें यहां नई आई हैं और बहुत कुछ ग़ायब हो गया है. बदलाव की इस प्रक्रिया में जापानी व्यंजनों वाले रेस्तरां के रूप में नई कड़ियां जुड़ी हैं.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने के लिए अहमदाबाद आए जापान के प्रधानमंत्री के स्वागत में सड़कों का नवीनीकरण हुआ है. वहीं खान-पान के ऐसे ठिकाने भी सामने आ रहे हैं जो कभी गुजराती थे, लेकिन यहां जापानी लोगों के के लिए उन्होंने अपना रूप बदल लिया है.
साणंद के पास ‘कृष्णलीला’ नाम के एक होटल ने इस साल फरवरी में न सिर्फ अपना नाम बदल लिया, बल्कि अपना पूरा मेन्यू भी बदल डाला.
बड़ी संख्या में रहते हैं जापानी नागरिक
वाहन बनाने वाले कारखानों में काम करने के लिए भारत आए बहुत से जापानी अहमदाबाद में रहते हैं. अब बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू होगा, ऐसे में इलाके में जापानियों की संख्या और बढ़ सकती है.
साणंद के पास पहले ही ऐसे बहुत कारखाने हैं, जहां जापानी नागरिक काम करते हैं. होटल कृष्णलीला में बहुत जापानी मेहमान आया करते थे. इसलिए दो साल पहले खुले इस होटल ने इस साल फरवरी में अपना नाम बदलकर ‘ला टोक्यो’ रख लिया.
सबकुछ जापानी
ग्राहकों को अच्छा महसूस करवाने के लिए नाम और मेन्यू में बदलाव करने के साथ-साथ होटल ने इंटीरियर और साज-सज्जा को भी बदल दिया है. मेन्यू की भाषा, साइन बोर्ड और होर्डिंग अब इंग्लिश के साथ-साथ जापानी भाषा में हैं.
होटल के कमरों में जापानी टीवी चैनल्स आते हैं और ग्राहकों को जापानी साहित्य, अखबार और पत्रिकाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं. ला टोक्यो विशुद्ध जापानी पकवान परोसता है.
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पहले यह होटल पूरी तरह शाकाहारी व्यंजन परोसा करता था, मगर अब मेन्यू में नॉन-वेज आइटम ज़्यादा हैं और उनमें भी सी-फ़ूड ज़्यादा है.
ला टोक्यो के शेफ जीवन लांबा वैसे तो नेपाल से हैं, मगर पिछले 10 सालों से जापानी व्यंजन पका रहे हैं. लांबा ने बताया कि जापानियों को ऑलिव ऑयल में कम आंच पर पका खाना ज्यादा पसंद है. स्थानीय बाज़ारों मे जापानी चीज़ें और खाद्य सामग्री मिलने में मुश्किल होती है, इसलिए होटल गुरुग्राम से इनका इंतज़ाम करता है.
होटल के मालिक घणश्याम सिंह बताते हैं, "बहुत सी कंपनियां अहमदाबाद में कारखाने लगा रही हैं. इसलिए बहुत से जापानी कर्मचारी आकर यहां ठहरते हैं. आने वाले दिनों में जापानी चीज़ों की मांग भी यहां बढ़ जाएगी. अगर हम इस बदलाव को समझ पाते हैं तो गुजरातियों के लिए बिज़नेस की कई संभावनाएं पैदा कर सकते हैं."
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