उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण : पढि़ए उत्तर कोरिया के टेस्ट पर व्यापक प्रतिक्रिया
प्योंगयांग द्वारा 3 सितंबर को नाभिकीय बम के परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की आपात बैठक बुलायी गयी, जिसमें सभी सदस्यों ने उत्तर कोरिया के उकसावे भरी कार्रवाई की कड़ी निंदा की. अमेरिका : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा उत्तर कोरिया ने पड़ोसियों और विश्व समुदाय के प्रति अपनी दुर्भावना को प्रदर्शित […]
प्योंगयांग द्वारा 3 सितंबर को नाभिकीय बम के परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की आपात बैठक बुलायी गयी, जिसमें सभी सदस्यों ने उत्तर कोरिया के उकसावे भरी कार्रवाई की कड़ी निंदा की.
अमेरिका : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा उत्तर कोरिया ने पड़ोसियों और विश्व समुदाय के प्रति अपनी दुर्भावना को प्रदर्शित किया है. जरूरत पड़ने पर उन्होंने सैन्य कार्रवाई के विकल्पों पर विचार करने की बात कही.
रूस : यूएन में रूसी राजदूत विसिली नेबेंजिया ने कहा कि टेस्ट, लांच या किसी पारस्परिक खतरे जैसी चीजें नहीं होनी चाहिए, इसके लिए हमें सार्थक वार्ता का रास्ता चुनना चाहिए.
चीन : उत्तर कोरिया के मसले पर चीन ने अमेरिका को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अमेरिका अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका में चीनी राजदूत कुई तियानकेइ ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रभावी अंतरारष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए अमेरिका को अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए.
दक्षिण कोरिया : उत्तर कोरिया द्वारा नाभिकीय और बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद बिफरे दक्षिण कोरिया ने भयंकर तबाही मचानेवाले हमले की धमकी दी है, राष्ट्रपति मून जाइ इन ने चेतावनी देते हुए कहा कि उत्तर कोरिया के उकसावे पर अब कड़ी कार्रवाई की जायेगी. मून ने अधिकारियों को उत्तर कोरिया द्वारा इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक पल्स व बायोकेमिकल हमले जैसी संभावित हरकतों के विश्लेषण करने और तैयार रहने को कहा है.
फ्रांस व रूस ने वार्ता पर दिया जोर
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने कोरियाई प्रायद्वीप पर जारी तनाव को कम करने के लिए राजनयिक रास्ता अख्तियार करने और सभी पक्षों को मिल कर वार्ता करने पर जोर दिया है. क्रेमलिन प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं ने कोरियाई प्रायद्वीप पर मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार उत्तर कोरिया के उकसावे भरे कार्य की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के निरस्त्रीकरण नियमों के अनुपालन की अपील की.
महीने की शुरुआत में प्योंगयांग के छठें नाभिकीय परीक्षण के बाद 11 सितंबर को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल रिजोल्यूशन 2375 द्वारा नये प्रतिबंध लगाये गये. इसके तहत उत्तर कोरिया को सलाना 20 लाख बैरल बेचे जानेवाले रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर रोक लगा दी गयी है.
कच्चे तेल और कपड़ों के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया गया है. उत्तर कोरिया ने इन प्रतिबंधों का जवाब बेहद अक्रामकता के साथ बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण कर दिया है. जापान के ऊपर से किये गये परीक्षण में मिसाइल जापान के होकायडू द्वीप के 2000 किलोमीटर पूर्व में प्रशांत महासागर में गिरी.
परमाणु परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया ने जापान की ओर मिसाइल दाग दी. क्षेत्रीय तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने अब अमेरिका को हाइड्रोजन बम से हमले की चेतावनी दे दी है. किम जोंग के करीबी एलेग्जेंड्रो काओ डि बेनो ने कहा का अाज उत्तर कोरिया अमेरिकी के किसी भी शहर को निशाना बनाने में सक्षम है.
उत्तर कोरिया को चाहिए शक्ति संतुलन
मिसाइल परीक्षण को लेकर आलोचना और प्रतिबंध झेल रहे उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने कहा कि हमारा लक्ष्य अमेरिका के साथ वास्तविक शक्ति संतुलन स्थापित करना है और अमेरिका को यह समझाना है कि वह डीपीआेके के साथ सैन्य विकल्पों के बारे में बात करने की हिम्मत न करे. किम जोंग ने आगे कहा कि उनका देश परमाणु कार्यक्रमों के लक्ष्य को पूरा करने के करीब था और इस कार्य को पूरा करने के लिए उसे हर तरह की शक्ति हासिल करने की जरूरत है.
अमेरिका चाहता है कूटनीति के जरिये हो इस संकट का हल
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने कहा कि हम कूटनीति और प्रतिबंध लगाकर इस समस्या का समाधान करना चाहते हैं. लेकिन उत्तर कोरिया लगातार उकसावे वाले और लापरवाही भरे कदम उठा रहा है.
हमने उसके 90 प्रतिशत व्यापार और 30 प्रतिशत तेल में कटौती कर दी है और ऐसे में सुरक्षा परिषद् भी पूरी तरह कुछ नहीं कर सकता है. इन सभी बयानों से पहले अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, रेक्स टिलरसन ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए रूस और चीन से आग्रह किया था और कहा था कि उसके इस कदम के लिए उसके खिलाफ वे सीधी कार्रवाई कर सकते हैं.