UN की बैठक से पहले चीन को घेरने की तैयारी, अमेरिकी व जापानी विदेश मंत्री से मिलीं सुषमा स्वराज
न्यू यॉर्क : भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को नौवहन की स्वतंत्रता, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया. तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने डोकलाम गतिरोध और चीन के अड़ियल व्यवहार की पृष्ठभूमि में त्रिपक्षीय बैठक की. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमेरिका के उनके समकक्ष […]
न्यू यॉर्क : भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को नौवहन की स्वतंत्रता, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया. तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने डोकलाम गतिरोध और चीन के अड़ियल व्यवहार की पृष्ठभूमि में त्रिपक्षीय बैठक की.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमेरिका के उनके समकक्ष रेक्स टिलरसन और जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर वार्ता की और समुद्री सुरक्षा, संपर्क तथा प्रसार के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, मंत्रियों ने नौवहन की आजादी, अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान को रेखांकित किया गया.
चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है. बीजिंग ने अपने कई द्वीपों पर सेना तैनात की है. वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है. हालांकि, वियतनाम, मलयेशिया, फिलीपीन, ब्रूनेई और ताइवान इसके विपरीत दावा करते हैं. भारत और चीन के बीच सिक्किम के डोकलाम इलाके में 73 दिन तक चला गतिरोध पिछले महीने समाप्त हुआ था. कुमार के अनुसार सुषमा ने उत्तर कोरिया की हाल की कार्रवाई की भी निंदा की और कहा कि उसके परमाणु शस्त्रों के प्रसार की कड़ियों की भी तलाश की जानी चाहिए और इनमें शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराना चाहिए.
उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था जिसके बाद कोरियाई प्रायद्वीप में नाटकीय तरीके से तनाव बढ़ गया. उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने इसे हाइड्रोजन बम करार दिया था. उन्होंने बैठक के अंत में कहा कि तीनों मंत्रियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को सहयोग बढ़ाने के व्यावहारिक तरीके खोजने का निर्देश दिया.
सुषमा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें वार्षिक सत्र में भाग लेने के लिए सोमवार को न्यू यॉर्क पहुंचीं. वह 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में संबोधन देंगी. अपने सप्ताह भर के प्रवास में वह 15 से 20 द्विपक्षीय बैठकें कर सकती हैं. कुछ बहुपक्षीय और त्रिपक्षीय बैठकें भी हो सकती हैं. अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र के सुधारों पर एक उच्चस्तरीय बैठक में भी शिरकत करेंगी जिसकी अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप करेंगे.
इससे पहले अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी सदस्य सैयद अकबरुद्दीन ने सुषमा स्वराज के न्यू यॉर्क एयरपोर्ट पहुंचने पर अगवानी की. गौरतलबहै कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन का मुद्दा दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, अपनी ताकत के नशे में चूर चीन इलाके में अपना प्रभाव स्थापित करने की जुगाड़ में लगा है. इस दौरान सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ अगले हफ्ते न्यू यॉर्क में आमने-सामने हो सकते हैं. हालांकि, पाकिस्तानी विदेश मंत्री से मुलाकात के सवाल पर सैयद अकबरुद्दीन ने इससे इनकार कर दिया.