अमेरिका ने नहीं की उत्तर कोरिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा
वाशिंगटन : अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य जारी वाकयुद्ध के बीच व्हाइट हाउस ने प्योंगयांग पर अमेरिका की ओर से युद्ध की घोषणा करने संबंधी किये गये दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस संबंध में कोई भी बात बेतुकी है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन […]
वाशिंगटन : अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य जारी वाकयुद्ध के बीच व्हाइट हाउस ने प्योंगयांग पर अमेरिका की ओर से युद्ध की घोषणा करने संबंधी किये गये दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस संबंध में कोई भी बात बेतुकी है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा, बिल्कुल नहीं. हमने उत्तर कोरिया पर युद्ध की घोषणा नहीं की है, और सच कहूं तो इससे संबंधित बात बेतुकी है.
उत्तर कोरिया ने अमरीका पर युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर उनके देश के खिलाफ युद्ध की घोषणा करने का आरोप लगाया है. हो कल न्यूयार्क में थे. उन्होंने यह भी कहा कि प्योंगयांग अमेरिकी बमवर्षक विमानों को मार गिराकर अपनी रक्षा करने के लिए तैयार है. उन्होंने न्यूयार्क में संवाददाताओं से कहा था, पूरी दुनिया को स्पष्ट रुप से यह याद रखना चाहिए कि पहले अमेरिका ने हमारे देश के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया है. गौरतलब है कि उत्तर कोरिया का अमेरिका के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है. हो न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक महासभा सत्र में शामिल होने आए थे.
हो ने कहा, अमेरिका ने हमारे देश पर युद्ध घोषित कर दिया है, ऐसे में हमारे पास इसका पूरा अधिकार होगा कि हम अमेरिकी बमवर्षक विमानों, भले ही वे हमारे देश की हवाई सीमा में नहीं हों, को मार गिराने सहित हर प्रतिरोधी कदम उठाएं। सारा ने कहा कि किसी भी देश की ओर से किसी अन्य देश के विमानों को मार गिराना उचित नहीं है, जब वे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र के ऊपर हों.
क्या है उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ ट्रंप का ‘सनकी सिद्धांत’
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, हमारा लक्ष्य अब भी वही है: हम चाहते हैं कि कोरियाई प्रायद्वीप परमाणु हथियारों से मुक्त हो। हमारा इसी ओर ध्यान केंद्रित हैं. हम ऐसा अधिकतम आर्थिक एवं राजनयिक दबावों के जरिए करेंगे। इस बीच, अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने द्विपक्षीय समर्थन देते हुए शून्य के मुकाबले 415 मतों से नॉर्थ कोरिया ह्यूमन राइट्स रीऑथोराइजेशन एक्ट पारित किया। यह विधेयक अमेरिका के उन कार्यक्रमों को फिर से अधिकार देता है जो उत्तर कोरिया में मानवाधिकार, लोकतंत्र और सूचना की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करते हैं.