चीन के आेबीआेआर पर अमेरिका ने किया भारत का समर्थन, कहा- विवादित क्षेत्र से गुजरती है परियोजना

वाशिंगटनः ट्रंप प्रशासन ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) को लेकर भारत के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि यह गलियारा विवादित क्षेत्र से होकर गुजरता है और किसी भी देश को खुद को ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए कि वह बेल्ट एंड रोड पहल पर निर्देश दें. भारत करीब 60 अरब डॉलर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2017 11:18 AM

वाशिंगटनः ट्रंप प्रशासन ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) को लेकर भारत के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि यह गलियारा विवादित क्षेत्र से होकर गुजरता है और किसी भी देश को खुद को ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए कि वह बेल्ट एंड रोड पहल पर निर्देश दें. भारत करीब 60 अरब डॉलर के सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता की चिंताओं के कारण इस वर्ष मई में बेल्ट एंड रोड फोरम (बीआरएफ) में शामिल नहीं हुआ. सीपीईसी चीन की प्रतिष्ठित वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) पहल की अहम परियोजना है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरती है.

इसे भी पढ़ेंः मॉरीशस के साथ मिलकर चीन के ओबीओआर का जवाब देगा भारत, मगर कैसे पढ़ें…?

पिछले सप्ताह भारत की पहली यात्रा से लौटे अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस बुधवार को चीन की महत्वाकांक्षी ओबीओआर पहल का कड़ा विरोध करते हुए दिखे. भारत यात्रा के दौरान उन्होंने अपनी समकक्ष निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. मैटिस ने कांग्रेस की एक बहस में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि वैश्वीकृत दुनिया में कई बेल्ट और कई रोड हैं तथा किसी भी देश को अपने आप को ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए कि वह वन बेल्ट, वन रोड पर निर्देश दें.

सीपीईसी पर भारत के रुख का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा जैसा कि कहा जा रहा है, वन बेल्ट वन रोड विवादित भूभाग से हो कर गुजरेगा, तो मुझे लगता है कि इससे भी संवेदनशीलता का पता चलता है. मैटिस इस संबंध में ओबीओआर और चीन की नीति को लेकर सीनेटर चार्ल्स पीटर्स से एक सवाल का जवाब दे रहे थे. पीटर ने सवाल किया था कि वन बेल्ट वन रोड नीति के तहत यूरेशिया पर दबदबा बनाने और वहां प्राकृतिक संसाधनों की उम्मीद में चीन दोनों महाद्वीपों और समुद्री हितों को नियंत्रित करना चाहता है.

ऐसी स्थिति में अमेरिकी नीति के साथ चीजें ठीक नहीं है, तो आप अफगानिस्तान और खासतौर से वन बेल्ट वन रोड के संबंध में चीन को कैसी भूमिका निभाते हुए देखना चाहते हैं.

Next Article

Exit mobile version