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डोकलाम में चीन फिर शुरू किया सड़क निर्माण, बड़ी संख्या में सैनिकों को किया तैनात

नयी दिल्ली/बीजिंग : चीन ने डोकलाम में उस जगह के पास बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है जहां 73 दिन तक भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध रहा था. इससे संकेत मिलता है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर तनाव अभी तक कम नहीं हुआ है. […]

नयी दिल्ली/बीजिंग : चीन ने डोकलाम में उस जगह के पास बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है जहां 73 दिन तक भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध रहा था. इससे संकेत मिलता है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर तनाव अभी तक कम नहीं हुआ है. सूत्रों ने कहा कि डोकलाम में चीन अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ा रहा है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है. इस इलाके में चीनी सेना एक बार फिर सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है, वो भी पिछले टकराववाली जगह से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर.

गौरतलब है कि डोकलाम इलाके को भूटान और चीन दोनों ही अपना अपना इलाका बताते हैं और भारत भूटान का समर्थन करता है. जून के मध्‍य में भारतीय सैनिकों ने सिक्किम में सीमा पार कर चीनी सड़क निर्माण का काम रोक दिया था. यह सड़क भारत के लिए भू-सामरिक दृष्टिकोण से महत्‍वपूर्ण भारतीय जमीन के उस टुकड़े के पास बन रही थी जिसे चिकन नेक के नाम से जाना जाता है. यह इलाका भारत को इसके उत्तर-पूर्वी राज्‍यों से जोड़ता है. इस पर भारत का चिंतित होना लाजमी है.

डोकलाम पठार में चुंबी घाटी में चीनी बलों की मौजूदगी की वजह से तनाव पसरे होने का संकेत वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने भी गुरुवारको दिया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, दोनों पक्ष सीधे तौर पर आमने-सामने नहीं हैं. हालांकि चुंबी घाटी में अब भी उनके जवान तैनात हैं और मैं आशा करता हूं कि वे वापस चले जायेंगे, क्योंकि इलाके में उनका अभ्यास पूरा हो गया है. डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बीच क्षेत्रीय विवाद रहा है तथा भारत इस मुद्दे पर भूटान का समर्थन कर रहा है.

भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम में 16 जून से 73 दिन तक गतिरोध की स्थिति बनी रही थी. इससे पहले भारत की सेना ने चीन की सेना द्वारा विवादित क्षेत्र में एक सडक के निर्माण पर रोक लगा दी थी. गतिरोध के दौरान भूटान और भारत एक दूसरे से संपर्क में रहे जो गत 28 अगस्त को समाप्त हुआ. इस तरह की भी खबरें हैं कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यातुंग में अग्रिम चौकी पर सैनिकों की संख्या और बढ़ा दी है. सूत्रों के मुताबिक डोकलाम पठार में चीन के सैनिकों को तैनात किया गया है, लेकिन सर्दियों में वे इलाका छोड़ कर चले जाते हैं.

चीन ने अपने नागरिकों के लिए जारी किया यात्रा परामर्श

इस बीच चीन ने भारत की यात्रा कर रहे अपने नागरिकों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है. डोकलाम गतिरोध के बाद चीन ने पहली बार ऐसी चेतावनी जारी की है. भारत में चीनी दूतावास ने वहां मौजूद अपने नागरिकों के लिए परामर्श जारी किया है.चेतावनी मंगलवार को दूतावास की वेबसाइट पर पोस्ट की गयी है.

सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि परामर्श में कहा गया, कुछ चीनी नागरिक अंडमान निकोबार द्वीपसमूहों में गये, जो कि भारत से अनुमति के बिना विदेशियों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र हैं. कुछ यात्रियों को लौट जाने के लिए कहा गया. कुछ को गिरफ्तार तक किया गया अथवा उनसे पूछताछ की गयी. इसमें कहा गया, (आगंतुकों) को भारतीय सीमा और सैन्य ठिकानों तथा वाहनों की फोटो नहीं खींचनी चाहिए. भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल की यात्रा के वक्त सीमा पर स्थित बाजारों में जाने से बचें और गलती से भी अन्य देशों के क्षेत्र में नहीं घुसें. चीन इससे पहले भी अपने नागरिकों के लिए तीन परामर्श जारी कर चुका है. ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा है कि प्रत्येक वर्ष भारत में जितने पर्यटक आते हैं उनमें से तीन प्रतिशत चीन से होते हैं.

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