माॅस्को/वाशिंगटन : उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने अपने देश के परमाणु हथियारों को न्याय की तलवार करार दिया है. उन्होंने कहा कि उसके देश का परमाणु कार्यक्रम क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की गारंटी लेता है और यह चर्चा का विषय नहीं होगा. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो को यह कहते हुए उद्धृत किया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में दिया गया बयान युद्ध को उकसानेवाला था. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में अपने बयान में आगाह किया था कि अगर उनके देश और उसके सहयोगियों की रक्षा करने की आवश्यकता पड़ी तो अमेरिका उत्तर कोरिया को पूरी तरह तबाह कर देगा. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री का हवाला देते हुए रूसी एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के साथ जंग की शुरुआत कर दी है और इसके लिए उनके देश को दंड भुगतना होगा. दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह ऐसी समस्या है जिसका हल किया जाना जरूरी है.
प्योंगयांग ने हाल में दो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) का परीक्षण किया था. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है. री ने तास को बताया कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार प्रतिरोधक हैं जिससे उसकी अमेरिका से रक्षा हो सके. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के सामरिक बलों के पास अटूट शक्ति है, जो आक्रामक अमेरिका को दंडित किये बिना नहीं छोड़ेंगे. री ने कहा कि उत्तर कोरिया की सेना और उसके लोग लगातार अमेरिकियों को सबक सिखाये जाने की मांग कर रहे हैं. रि ने पहले ट्रंप को दुष्ट राष्ट्रपति कहा और उनके बयान से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग ऊन के बीच वाक्युद्ध शुरू हो गया. उन्होंने कहा, अब बातचीत से नहीं जंग से ही समाधान निकलेगा. हम किसी भी हाल में परमाणु हथियारों से जुड़े समझौतों के लिए बातचीत पर सहमत नहीं होंगे.
दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल और परमाणु परीक्षणों पर उनका नजरिया अलग है और यह समस्या ऐसी स्थिति में पहुंच गयी है जहां कुछ तो किया जाना चाहिए. उत्तर कोरिया ने इस वर्ष फरवरी से किये गये 15 परीक्षणों के दौरान 22 मिसाइल दागे जिसमें से दो जापान के ऊपर से होकर गुजरीं. उत्तर कोरिया के इस कदम पर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने तीखी प्रतिक्रिया दी.
ट्रंप ने बुधवार को अपने ओवल कार्यालय में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेरा मानना है कि मेरा अलग नजरिया है और अन्य लोगों के मुकाबले अलग तरीका है. मुझे लगता है कि अन्य लोगों के मुकाबले शायद मैं ज्यादा दृढ़ता और सख्ती से सोचता हूं, लेकिन मैं सुनता सबकी हूं. उन्होंने कहा, आखिरकार, मैं वही करंगा जो अमेरिका के लिए सही होगा और जो दुनिया के लिए सही होगा, क्योंकि यह सच में वैश्विक समस्या है. एक सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह ऐसी समस्या है जिसे हल किया जाना चाहिए. बाद में ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से कहा कि दुनिया उत्तर कोरिया को लेकर एक ऐसी स्थिति पर पहुंच गई है जहां कुछ तो किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, यह समस्या कई साल पहले ही सुलझ जानी चाहिए थी. निश्चित तौर पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को इस पर ध्यान देना चाहिए था. अब यह समस्या काफी बढ़ गयी है. कुछ तो किया जाना चाहिए. हम इसे ऐसा चलने नहीं दे सकते.