नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के तीसरे मामले में आरोप तय, अगली सुनवाई 26 को
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक एक अदालत ने पद के अयोग्य ठहराये गये प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के तीसरे मामले में शुक्रवार को आरोप तय किये. यह मामला विदेशों में निवेश और दूसरी विदेशी कंपनियों से जुड़ा हुआ है. यहां की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने 67 वर्षीय शरीफ पर आय […]
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक एक अदालत ने पद के अयोग्य ठहराये गये प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के तीसरे मामले में शुक्रवार को आरोप तय किये. यह मामला विदेशों में निवेश और दूसरी विदेशी कंपनियों से जुड़ा हुआ है. यहां की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने 67 वर्षीय शरीफ पर आय के ज्ञात स्त्रोत से ज्यादा की संपत्ति के आरोपों समेत अन्य आरोप उनकी अनुपस्थिति में उनके अधिवक्ता जाफिर खान को आरोप-पत्र पढ़ कर सुनाया. यह मामला, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा आठ सितंबर को शरीफ के खिलाफ दर्ज कराये गये धन शोधन और भ्रष्टाचार के तीन मामलों में से एक है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 जुलाई को पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराये जाने के बाद ये मामले दर्ज किये गये थे. न्यायमूर्ति मुहम्मद बशीर द्वारा पढ़े गये आरोपों शरीफ की ओर से उनके वकील ने दलील देते हुए अपने मुवक्किल को निर्दोष बताया. शरीफ अपनी बीमार पत्नी कुलसुम नवाज के पास लंदन में हैं. कुलसुम नवाज गले के कैंसर से पीड़ित है और उनकी अब तक तीन सर्जरी हो चुकी है. लंदन में गुरुवारको मीडिया से बात करते हुए शरीफ ने अपनी अयोग्यता को गलत बताया था और कहा था कि उनकी गैरमौजूदगी में आरोप तय किया जाना न्याय की हत्या है.
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह 26 अक्तूबर को सुनवाई से पहले वापस आ जायेंगे. ऐसी खबरें हैं कि वह रविवार को वापस आ सकते हैं. अदालत को बताया गया कि उनके बेटे हसन और हुसैन वर्ष 1989 और 1990 में उन पर निर्भर थे. हालांकि, आरोप पत्र में कहा गया कि शरीफ ने वर्ष 1990 से वर्ष 1995 तक हसन के नाम पर संपत्ति का ब्योरा जमा करवाया है. आरोप पत्र में यह भी कहा गया कि शरीफ ने सार्वजनिक कार्यालयों में कई महत्त्वपूर्ण पद संभाले हैं, जिनमें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का पद शामिल है.
जवाबदेही अदालत ने गुरुवारको शरीफ पर उनके वकील के माध्यम से एवनफील्ड संपत्ति और अल-अजीजिया कंपनी मामले में आरोप तय किये थे, जबकि एवनफील्ड संदर्भ में उनकी बेटी मरियम नवाज शरीफ और दामाद मुहम्मद सफदर पर उनकी मौजूदगी में आरोप तय किये गये थे. इसी के साथ शरीफ के खिलाफ दर्ज कराये गये तीनों मामलों में उनपर आरोप तय हो चुके हैं. शरीफ परिवार ने खुद को निर्दोष बताते हुए इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई के मौलिक अधिकार से वंचित रखा गया.