बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पांच साल का अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करते हुए देश की 23 लाख जवानोंवाली सेना को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति पूरी तरह निष्ठा रखने का आदेश दिया है और इस बात पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है कि जंग कैसे जीती जायें. कम्युनिस्ट पार्टी की पांच साल में एक बार होनेवाली कांग्रेस में शी को पार्टी, सेना की कमान और राष्ट्रपति पद देने पर मुहर लगायी गयी. इस सप्ताह हुई कांग्रेस में शी के सिद्धांतों को संविधान में शामिल करने को भी मंजूरी दी गयी. इस लिहाज से वह आधुनिक चीन के संस्थापक अध्यक्ष माओ त्से तुंग और उनके उत्तराधिकारी देंग शियाओपिंग के स्तरवाले नेता माने जा सकते हैं.
64 वर्षीय शी ने गुरुवारको शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की थी. चीन में दुनिया की सबसे बड़ी सेना को वहां के शक्ति-आधार का मुख्य स्रोत माना जाता है. चीन की सेना का संपूर्ण नियंत्रण रखनेवाले सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के प्रमुख शी इस शक्तिशाली आयोग के एकमात्र असैन्य नेता हैं. इसके अन्य पदाधिकारियों में सशस्त्र बलों के सबसे वरिष्ठ अफसर हैं. सीएमसी के नये नेतृत्व का खुलासा बुधवार को किया गया जिसकी अगुवाई सात लोगों का एक समूह करेगा. उनके नीचे 11 सदस्य होंगे.
पहले खबरों में कहा जा रहा था कि पिछले पांच साल में व्यापक भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन चलाकर अपनी ताकत बढ़ानेवाले शी पार्टी की स्थायी समिति के सदस्यों की संख्या सात से पांच करना चाहते हैं. उनके इस अभियान में दस लाख से अधिक अधिकारियों को दंडित किया गया था. हांगकांग के साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार शीर्ष सैन्य अधिकारियों की गुरुवारकी रात हुई बैठक में कुछ आला अफसरों की गैर-मौजूदगी भी साफ दिखी.
शी ने आला सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में उन्हें पार्टी के प्रति वफादार रहने का आदेश दिया. साथ ही जंग जीतने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने, नये सुधारों की शुरुआत करने, सैन्य इकाई का प्रबंधन वैज्ञानिक तरीकों से करने और सख्त से सख्त मानदंडों के अनुरूप सैनिकों का नेतृत्व करने को भी कहा गया. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने कहा कि सेना को मजबूत करने की शी की योजना को पूरी तरह अमल में लाया जायेगा और उनका दबदबा कायम रहेगा.