अस्तित्व में आया एक और देश!, कातालूनीया ने खुद को स्पेन से अाजाद होने की घोषणा की
बार्सिलोना : कातालूनीया की संसद ने शुक्रवार को स्पेन से आजादी की घोषणा संबंधी प्रस्ताव पारित कर दिया, हालांकि स्पेन की सरकार ने कहा है कि वहां वैधानिकता बहाल की जायेगी और क्षेत्र के पृथकतावादी प्रयास पर अंकुश लगाया जायेगा. कातालूनीया की संसद में मतदान से पहले संसद भवन के बाहर हजारों लोग जमा हो […]
बार्सिलोना : कातालूनीया की संसद ने शुक्रवार को स्पेन से आजादी की घोषणा संबंधी प्रस्ताव पारित कर दिया, हालांकि स्पेन की सरकार ने कहा है कि वहां वैधानिकता बहाल की जायेगी और क्षेत्र के पृथकतावादी प्रयास पर अंकुश लगाया जायेगा. कातालूनीया की संसद में मतदान से पहले संसद भवन के बाहर हजारों लोग जमा हो गये थे. संसद ने कातालूनीय को गणराज्य के तौर पर एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करने संबंधी प्रस्ताव पारित किया.
स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राजोय ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और आग्रह किया कि सभी स्पेनवासी शांत रहें. कातालूनीया की संसद में मतदान के तत्काल बाद ट्वीट किया, कानून का शासन कातालूनीया में वैधानिकता को बहाल करेगा. विपक्ष के वाकआउट के बावजूद कातालूनीया की संसद में प्रस्ताव पर गुप्त मतदान हुआ. आजादी की घोषणावाले प्रस्ताव के पक्ष में 70 वोट आये, जबकि विपक्ष में 10 वोट पड़े. दो सदस्य मतदान से अनुपस्थित रहे. कातालूनिया की 135 सदस्यीय संसद में विपक्षी सांसदों ने प्रस्ताव पर विचार करने से इनकार किया और वाकआउट कर गये. एक ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया.
मतदान से पहले राजोय ने सांसदों से आग्रह किया था कि वे उन्हें कातालूनीया के पृथकतावादी नेता कार्ल्स पुइगेदेमोंत, उनके उप नेता और सभी क्षेत्रीय मंत्रियों को बर्खास्त करने का अधिकार दें. अगर संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत अनुमति मिल जाती है, तो शनिवार से ही पुइगदेमोंत और उनकी टीम अपदस्थ हो जायेगी. पुइगदेमोंत ने गुरुवार को नया क्षेत्रीय संसदीय चुनाव नहीं कराने का विकल्प चुना था. इसे बहुत सारे लोगों ने मैड्रिड को सत्ता अपने हाथ लेने से बाधित करने की कोशिश के तौर पर देखा गया.
बेल्जियम के आकारवाला कातालूनीया स्पेन का अर्द्ध-स्वायत्त उत्तरी क्षेत्र है और यहां स्पेन की कुल आबादी का 16 फीसदी लोग रहते हैं. कातालूनीया का स्पेन की अर्थव्यवस्था में करीब 20 फीसदी का योगदान है. कातालूनीया के प्रशासन का कहना है कि पिछले दिनों पृथकतावादी नेताओं की ओर से कराये गये जनमत संग्रह में 90 फीसदी लोगों ने आजादी के पक्ष में राय दी थी.