यंगून : म्यांमार की नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची पहली बार अशांति और संघर्ष का सामना कर रहे उत्तरी प्रांत रखाइन की यात्रा पर पहुंची हैं. सूची की इस अघोषित यात्रा की सूचना एक अधिकारी ने दी. गौरतलब है कि बौद्ध बाहुल्य वाले देश म्यांमार के रखाइन प्रांत में पिछले कुछ महीनों से रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसक घटनाएं हो रही हैं. साथ ही वहां सेना द्वारा चलाये जा रहे अभियान के कारण बड़ी संख्या में रोहिंग्या अपना घर-बार छोडकर बांग्लादेश में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं.
म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमानों की घर वापसी में देरी के लिए बांग्लादेश को बताया जिम्मेदार
म्यांमार में सत्तारुढ प्रो-डेमोक्रेसी पार्टी की प्रमुख सू ची की राहिंग्या मुसलमानों पर हो रही ज्यादतियों के खिलाफ नहीं बोलने पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने आलोचना की है. रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रवाई के दौरान कथित हत्याओं, बलात्कार और आगजनी जैसी वारदात से परेशान होकर अगस्त से लेकर अभी तक करीब 60,000 रोहिंग्या मुसलमान देश छोड़कर जा चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ यह कार्रवाई किसी जाति विशेष को निशाना बनाकर उसे खत्म करने जैसी है. संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय म्यामां पर लगातार दबाव बना रहा है कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को घर वापस आने का मौका दे.
रोहिंग्या: माटी छूटी, वतन ने ठुकराया…
सरकार के प्रवक्ता जाव त्ये ने बताया, स्टेट काउंसिलर (सू ची का आधिकारिक पद) फिलहाल सित्तवे में हैं और वह माऊंगदाव तथा बुतिदुआंग भी जाएंगी. यह एक दिवसीय यात्रा है. हालांकि उन्होंने सू ची के विस्तृत कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी. बौद्ध बाहुल्यता वाले म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को घृणा की दृष्टि से देखा जाता है. उन्हें देश की नागरिकता प्राप्त नहीं है और उन्हें अवैध बंगाली आव्रजक समझा जाता है.
म्यांमार से पलायन जारी, दस हजार और रोहिंग्या मुसलमान पहुंचे सीमा पर
वहीं संयुक्त राष्ट्र में सऊदी अरब के नेतृत्व में मुस्लिम देश दबाव बना रहे हैं कि वैश्विक संस्था म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के अधिकारों के कथित हनन की आलोचना करे. इन देशों की ओर से पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति में पेश किये गए एक प्रस्ताव में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश हिंसक घटनाओं और म्यामां की सेना द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ क्रूर बल प्रयोग किये जाने से बहुत चिंतित हैं.
इस प्रस्ताव पर संभवत: 14 नवंबर को मतदान होगा और एक महीने बाद महासभा में इसपर चर्चा होगी.
#WATCH Myanmar State Counsellor Aung San Suu Kyi visits northern Rakhine State. (Video Courtesy: MRTV) #Rohingyas pic.twitter.com/lmyq7ocO3h
— ANI (@ANI) November 2, 2017