बहुचर्चित जुनैद हत्या मामले में हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल नवीन कौशिक ने इस्तीफ़ा दे दिया है. कौशिक पर मुक़दमे के मुख्य अभियुक्त की मदद करने का आरोप था.
जुनैद हत्या मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कौशिक के ख़िलाफ़ मुख्य अभियुक्त की मदद करने के लिए कार्रवाई की मांग की थी.
अतिरिक्त ज़िला सेशन जज वाईएस राठौर ने कहा था कि एडिशनल एडवोकेट जनरल नवीन कौशिक मुक़दमे के मुख्य अभियुक्त नरेश कुमार की मदद करने की कोशिश कर रहे थे जबकि क़ानूनन वो ऐसा नहीं कर सकते.
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने बीबीसी पंजाबी से कहा, "कौशिक ने ये स्वीकार किया है कि वे फरदीबाद कोर्ट गए थे और उन्होंने वकीलों को दस्तावेज वैगरह दिए थे. मैंने उनसे कहा कि इस मामले में सरकार एक पार्टी, इसलिए आपको इस्तीफ़ा देना ही चाहिए. उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया और हमने स्वीकार कर लिया."
इससे पहले, जुनैद के पिता के वकील निबराश अहमद ने फ़ोन पर बीबीसी से कहा था, ”पिछले हफ्ते जुनैद मामले में सुनवाई के दौरान जज वाईएस राठौर को दिखा कि बचाव पक्ष के वकील के अलावा एक और व्यक्ति भी मुख्य अभियुक्त नरेश कुमार की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. ये शख़्स बचाव पक्ष के वकील को गवाह जावेद ख़ान से कौन से सवाल पूछे जाने चाहिए, इस पर सलाह देते हुए दिख रहे थे.”
निबराश अहमद का कहना था, ”जज के पूछताछ करने पर ये बात सामने आई कि बचाव पक्ष की मदद कर रहे व्यक्ति हरियाणा सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल नवीन कौशिक हैं. जज ने अपनी टिपण्णी में कहा कि नवीन कौशिक का ऐसा करना अनैतिक था क्योंकि वो राज्य सरकार के क़ानून अधिकारी हैं.
नवीन कौशिक ने बीबीसी से बातचीत में ये माना था कि वो सुनवाई के दौरान फ़रीदाबाद की अदालत में मौजूद थे.
लेकिन उनका कहना था कि मदद करने वाली जज की टिप्पणी ‘ग़लतफहमी की वजह से पैदा हुई है क्योंकि वो अदालत में महज़ एक मित्र को कोर्ट में भाषा के इस्तेमाल पर एक क़ानूनी मसौदा देने गये थे.’
उनका कहना था कि उनके पिता डेंगू की वजह से बीमार होकर फ़रीदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे और इसी सिलसिले में वो फरीदाबाद में मौजूद थे.
जुनैद हत्या मामले में छह लोगों में से चार लोगों को ज़मानत मिल चुकी है. जुनैद का परिवार आरोप लगा रहा है कि पुलिस ने जानबूझकर ऐसी धाराएं केस में लगाईं जिसमें अभियुक्तों को ज़मानत मिल सके.
निबराश अहमद ने कहा कि जुनैद के परिवार वालों ने इस केस की जांच हरियाणा पुलिस से लेकर किसी और निष्पक्ष संस्था से करवाने की मांग की है.
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