Modi सरकार की दरियादिली के बाद पाकिस्तान ने 2600 सिख तीर्थयात्रियों को दिया वीजा
नयी दिल्लीः मोदी सरकार की दरियादिली के बाद पाकिस्तान ने सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव के जयंती पर्व पर हर साल की तरह इस साल भी भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा सुविधा दी है. इसके तहत यहां स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग ने गुरुवार 2600 सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में स्थित सिख धार्मिक स्थलों की […]
नयी दिल्लीः मोदी सरकार की दरियादिली के बाद पाकिस्तान ने सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव के जयंती पर्व पर हर साल की तरह इस साल भी भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा सुविधा दी है. इसके तहत यहां स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग ने गुरुवार 2600 सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में स्थित सिख धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए वीजा जारी किया. उच्चायोग द्वारा जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, पाकिस्तान में गुरु पर्व पर आयोजित होने वाले वार्षिक समारोह में शिरकत के लिए दो से 11 नवंबर तक की अवधि के लिए तीर्थयात्रियों को वीजा जारी किया गया है.
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पाकिस्तान में धार्मिक पर्यटन को बढावा देने की पाकिस्तान सरकार की नीति के तहत उच्चायोग हर साल गुरुनानक जयंती के मौके पर विदेशी सिख तीर्थयात्रियों को यात्रा वीजा जारी करता है. उच्चायोग ने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिये पाकिस्तान सरकार प्रतिबद्ध है. इसके तहत पाकिस्तान सरकार तीर्थयात्रा के लिए आने वाले यात्रियों को धर्मस्थलों पर सभी संभव सुविधाएं मुहैया कराती है.
इसके अलावा, आयोग ने भारत में बंद 13 कैदियों को भी गुरुवार को रिहा किये जाने की जानकारी दी है. आयोग द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा रिहा किये गये पाकिस्तानी नागरिकों में नौ मछुआरे और चार सामान्य नागरिक हैं. इन्हें पंजाब में बाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सुपर्द किया गया. ये सभी कैदी भूलवश भारत की सीमा में आ गये थे और विभिन्न भारतीय जेलों में बंद थे.
गौरतलब है कि तीन दिन पहले हिंदुस्तान में रह रहे 431 पाकिस्तानी हिंदुओं को मोदी सरकार की तरफ से लंबी अवधि का वीजा दिया गया है. इस वीजा की मदद से ये लोग पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवा सकेंगे और उन्हें भारत में संपत्ति खरीदने में भी असानी होगी. भारत-पाकिस्तान के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच मोदी सरकार का ये कदम पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यकों के लिए एक राहत भरी सांस है.