इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में चल रही सुनवाई के संबंध में शुक्रवार को भ्रष्टाचार-रोधी अदालत में पेश हुए. अदालत ने शरीफ, उनकी बेटी और दामाद के खिलाफ पनामा पेपर कांड से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई सात नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी. शरीफ (67) और उनके परिवार के कई सदस्य लंदन में संपत्ति स्वामित्व के संबंध में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
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अघोषित आय के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किये जाने के बाद शरीफ को जुलाई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. शीर्ष अदालत के फैसले के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने आठ सितंबर को शरीफ, उनके बच्चों और दामाद के खिलाफ तीन मामले दर्ज किये थे. लंदन से गुरुवार को लौटे शरीफ शुक्रवार को अपने कानूनी अमले के साथ अदालत पहुंचे थे.
गौरतलब है कि शरीफ गले के कैंसर से जूझ रहीं अपनी पत्नी कुलसुम नवाज के पास पिछले महीने लंदन गये थे. शुक्रवार की सुनवाई में शरीफ की बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर भी उपस्थित थे. सुनवाई की शुरुआत में बचाव पक्ष ने जवाबदेही न्यायाधीश से इस्लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने को कहा, जिसने गुरुवार को जवाबदेही अदालत को आदेश दिया था कि वह भ्रष्टाचार के तीनों मामलों को एक साथ जोड़ने के संबंध में शरीफ की याचिका पर फिर से विचार करे.
इस दलील के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई सात नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी. शरीफ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी किसी को खुश करने के लिए उनके खिलाफ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है, क्योंकि मौजूदा हालात और कार्रवार्इ सभी के सामने है. अदालत के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी.