जहां किसान अंडरवियर से जांचते हैं मिट्टी की क्वालिटी

खेत का कौन सा हिस्सा अधिक उपजाऊ है इसका परीक्षण करने के लिए मोरे किसान अपना अंडरवियर ज़मीन में गाड़ देते हैं. एल्गिन के उत्तर में मौजूद कोर्सकी फार्म के इयान ग्रीन अपनी 2,800 एकड़ की ज़मीन में अलग-अलग जगहों में अपने कॉटन के अंडरवियर गाड़ हैं. वो ऐसा इस सिद्धांत के आधार पर करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2017 6:59 AM

खेत का कौन सा हिस्सा अधिक उपजाऊ है इसका परीक्षण करने के लिए मोरे किसान अपना अंडरवियर ज़मीन में गाड़ देते हैं.

एल्गिन के उत्तर में मौजूद कोर्सकी फार्म के इयान ग्रीन अपनी 2,800 एकड़ की ज़मीन में अलग-अलग जगहों में अपने कॉटन के अंडरवियर गाड़ हैं.

वो ऐसा इस सिद्धांत के आधार पर करते हैं कि कोई भी वस्तु जिस जगह कम समय में पूरी तरह मिट्टी में मिल जाती है वहां पर मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है.

ये परीक्षण क्वालिटी मीट स्कॉटलैंड और एग्रीकल्चर ऐंड हॉर्टिकल्चर डेवेलपमेंट बोर्ड के सहयोग से किया जा रहा है.

ग्रीन का कहना है, " ‘सोइल माय अंडिज़’ एक परीक्षण है जिसके पीछे सिद्धांत ये है कि मिट्टी में मौजूद जीवाणु कॉटन के करपड़े को नष्ट कर देंगे. तो जिस ज़मीन में यह तेज़ी से होग आप मान सकते हैं कि वहां अधिक जीवाणु हैं जो खेती के लिए बेहतर है."

"हम अलग-अलग जगहों पर जहां हमें लगता है कि ये ज़मीन थोड़ी बेहतर है या ये बिल्कुल बेहतर नहीं है वहां अंडरवियर को मिट्टी में गाड़ देते हैं."

ज़मीन की उर्वरता के इस परीक्षण के नतीजे देखने के लिए इस हफ्ते स्पे नदी के नज़दीक ग्रीन के खेत पर कई अधिकारी और किसान इकट्ठा हुए.

हैरान करने वाले रहे परिणाम

ग्रीन बताते हैं, "मुझे लगता है उनमें से कुछ लोग आश्चर्यचकित थे और वो इस परीक्षण को खुद दोहराना चाहते थे."

वो कहते हैं, "जो नतीजे आए वो काफी दिलचस्प थे. यहां पर कुछ जगहें हैं जो काफी गीली रहती हैं तो ज़ाहिर है कि वहां ऑक्सीजन की कम होगी. ऐसी जगहों पर अंडरवियर जैसा गाड़ा गया था लगभग वैसा ही रहा."

"हालांकि हमारे बेहतर खेत जो अच्छे से जोते जाते है वहां कपड़ा पूरी तरह ख़त्म हो गया, लेकिन हमने कपड़े के ऊपर काफी कूड़ा कर्कट डाल दिया था. मिट्टी की क्वालिटी जांचने के लिए ये आसान और सस्ता तरीका हैं."

"अंडरवियर से ज्यादा ज़रुरी है कि परीक्षण में इस्तेमान होने वाली चीज़ कॉ़टन हो."

क्वालिटी मीट स्कॉटलैंड के प्रवक्ता का कहना है कि पूरे देश के किसान अब ये परीक्षण आपनाएंगे ताकि उनहें अपने खेत की उर्वरता की अधिक जानकारी मिल सके.

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