कुलभूषण जाधव मामले में नरम पड़ा पाकिस्तान, पत्नी से मिलने की देगा इजाजत

इस्लामाबाद : कुलभूषण जाधव मामले में नरमी बरतते हुए पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि वह मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत देगा. दरअसल, कुछ महीने पहले भारत ने इस्लामाबाद से मानवीय आधार पर उनकी मां को वीजा देने का अनुरोध किया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2017 8:15 AM

इस्लामाबाद : कुलभूषण जाधव मामले में नरमी बरतते हुए पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि वह मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत देगा. दरअसल, कुछ महीने पहले भारत ने इस्लामाबाद से मानवीय आधार पर उनकी मां को वीजा देने का अनुरोध किया था. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान सरकार ने कमांडर कुलभूषण जाधव की उनकी पत्नी से मुलाकात का इंतजाम करने का फैसला किया है.

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फैसल कहा कि इस सिलसिले में एक पत्र इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग को आज भेजा गया. उन्होंने कहा कि मुलाकात पाकिस्तानी सरजमीं पर होगी. एक दुर्लभ कदम के तहत पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल में जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में मौत की सजा सुनायी थी. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने भारत की अपील पर मई में उनकी सजा के क्रिन्यान्वयन को रोक दिया था.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, यह स्पष्ट नहीं है कि किस चीज ने इस्लामाबाद को जाधव की पत्नी को उनसे पाकिस्तान में मिलने की इजाजत देने के लिए प्रेरित किया. अखबार ने कहा है कि इस बारे में अटकलें थी कि दोनों देशों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और नयी दिल्ली में नवनियुक्त पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद के बीच हुई एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की.

भारत ने जाधव की मां अवंतिका को वीजा देने का अनुरोध किया था, जो पाकिस्तान में अपने बेटे से मिलना चाहती थी. पाकिस्तान ने जाधव को दूतावास मदद मुहैया करने से बार-बार इस आधार पर इनकार करता रहा है कि जासूसों के मामले में यह लागू नहीं हो सकता. जाधव ने पाकिस्तान थल सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से दया की अपील की थी, जो अब तक लंबित है.

पिछले महीने पाकिस्तान थल सेना ने कहा था कि यह जाधव की दया याचिका पर फैसला करने के करीब है. पाकिस्तान का दावा है कि इसके सुरक्षा बलों ने ईरान से कथित तौर पर प्रवेश करने के बाद उन्हें अशांत बलूचिस्तान प्रांत से पिछले साल गिरफ्तार किया था. वह ईरान में व्यापार के सिलसिले में थे.

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