मनीला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल से मंगलवारको अलग-अलग वार्ताएं कीं जिनमें प्रस्तावित अहम चतुष्पक्षीय गठबंधन को आकार देने की पृष्ठभूमि में भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए नयी रणनीति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
मोदी ने यहां आसियान शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वियतनाम के प्रधानमंत्री गुएन शुआन फुक, ब्रुनेई के सुल्तान हस्सानल बोलकिया और न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं और व्यापार, निवेश और समुद्री सुरक्षा समेत विभिन्न अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. एबे और टर्नबुल के साथ बैठकों से एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने खासकर भारत-प्रशांत क्षेत्र में समग्र सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहुत विस्तृत वार्ता की थी. भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपना सैन्य निर्माण मजबूत कर रहा है. गौरतलब है कि रविवार को भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और स्वतंत्र बनाये रखने के लिए चतुष्पक्षीय गठबंधन को मूर्त रूप देने की दिशा में पहली बैठक की थी. इस मामले पर मोदी-ट्रंप की बैठक में चर्चा की गयी थी और ऐसा समझा जा रहा है कि इस मामले पर एबे और टर्नबुल दोनों के साथ हुई प्रधानमंत्री की बैठकों में भी वार्ता की गयी.
मोदी ने ट्वीट किया, मेरी और मेरे मित्र शिंजो एबे की मनीला में बैठक शानदार रही. हमने भारत-जापान संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और हमारी अर्थव्यवस्थाओं एवं लोगों के बीच सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अधिक जानकारी नहीं देते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी बढ़ाने के संबंध में विस्तृत और गहन वार्ता की.
जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने पिछले महीने कहा था कि चार देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने के लक्ष्य से तोक्यो इस चतुष्पक्षीय वार्ता का समर्थन करता है. मोदी ने टर्नबुल के साथ अपनी वार्ता के बारे में कहा कि वह आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात करके खुश हैं और उनकी वार्ता ने दोनों देशों के बीच मित्रता में नया जोश भरा. टर्नबुल ने एक ट्वीट कर इस बैठक को फलदायी बताया और कहा कि इन वार्ताओं में बढ़े हुए आर्थिक सहयोग, सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कार्वाई पर ध्यान केंद्रित किया गया.
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों में सहयोग आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण संभावना के लिए निकट सहयोग पर चर्चा की. मोदी और उनके वियतनामी समकक्ष की बैठक में रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग समेत कई मामलों पर चर्चा की गयी. मोदी ने ट्वीट किया, मैंने और वियतनाम के प्रधानमंत्री गुएन शुआन फुक ने भारत-वियतनाम मित्रता को मजबूत करने समेत कई मामलों पर वार्ता की जिससे हमारे नागरिकों और क्षेत्र को बहुत लाभ हो सकता है. मोदी और फुक के बीच बैठक ऐसे समय में हुई है, जब कुछ ही दिन पहले ट्रंप ने वियतनाम की यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान ट्रंप ने वियतनाम और चीन समेत कई आसियान सदस्य देशों के बीच दक्षिण चीन सागर विवाद में मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा था.
चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है. दक्षिण चीन सागर हाइड्रोकार्बन का बड़ा स्रोत है, जबकि वियतनाम, फिलीपीन और ब्रुनेई समेत कई आसियान सदस्य देश भी इस पर अपना दावा करते हैं. भारत, सागर कानून पर 1982 संयुक्त राष्ट्र संधि समेत अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुसार दक्षिण चीन सागर में संसाधनों तक पहुंच एवं नौवहन की स्वतंत्रता को समर्थन देता रहा है. मोदी ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक को शानदार बताया और कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत करने और सांस्कृतिक सहयोग बढाने के मामले पर चर्चा की. ब्रुनेई के सुल्तान के साथ बैठक के बारे में मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच विस्तृत वार्ताओं से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे.
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ब्रुनेई के सुल्तान हस्सानल बोलकिया से भेंट करके खुश हूं. हमारी विस्तृत वार्ताओं से हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे. कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से व्यापार और निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, संस्कृति और लोगों के बीच आपसी संबंध बढाने पर फलदायी चर्चा हुई.