बीजिंग: चीन अपने विशेष दूत को शुक्रवार को उत्तर कोरिया भेजेगा. चीन के सरकारी मीडिया ने आज यह जानकारी दी. अमेरिकी राष्ट्रपति कुछ दिन पहले ही बीजिंग आए थे और अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात कर उनसे कहा था कि वह उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए जल्द कुछ करें. राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विशेष दूत सोंग ताओ शुक्रवार को उत्तर कोरिया जाने वाले हैं, जहां वह वहां के नेतृत्व को चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी की हाल में हुई कांग्रेस के निष्कर्षों के बारे में सूचित करेंगे. शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी. इसमें ट्रंप के दौरे या उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम का कोई जिक्र नहीं किया गया.
पिछले हफ्ते ट्रंप ने शी से मुलाकात के दौरान अपने चीनी समकक्ष से कहा था कि वह चीन की ओर से प्रभाव बढाकर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन पर अपना परमाणु हथियार कार्यक्रम छोड़ने का दबाव बनाएं. सांग इंटरनेशनल डिपार्टमेंट ऑफ द कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के प्रमुख हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वह शी-ट्रंप के बीच हुई बातचीत के निष्कर्ष के बारे में सूचित करेंगे.
चीन को उत्तर कोरिया का करीबी सहयोगी माना जाता है. वह उसका सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है. चीन ने कहा कि वह प्योंगयांग के खिलाफ संरा सुरक्षा परिषद के सभी प्रतिबंधों को लागू कर रहा है. उसने कोरियाई प्रायद्वीप के निरस्त्रीकरण पर वार्ता बहाल करने की भी मांग की.
अक्तूबर 2015 के बाद से उत्तर कोरिया जाने वाले सांग मंत्री स्तरीय पहले अधिकारी होंगे. ट्रंप का पांच देशों का एशिया दौरा कल पूरा हुआ. उन्होंने उत्तर कोरिया के तानाशाह को चेतावनी दी कि यदि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर आगे बढेगा तो उसे इसके भयावह परिणाम भुगतने होंगे.