लंदन : धरती पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई, इसका जवाब सदियों से तलाशा जा रहा है. इसी सवाल का जवाब ढूंढ़ते कुछ वैज्ञानिकएकनये निष्कर्ष पर पहुंचे हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, संभव है कि अंतरिक्ष की धूल के प्रवाह में बह कर हमारे ग्रह पर पहुंचे जैविक कणों से यहां जीवन की शुरुआत हुई हो.
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ इडिनबर्ग के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि हमारे ग्रह के वायुमंडल पर निरंतर होने वाली अंतरग्रहीय धूल की वर्षा से बाहरी दुनिया के सूक्ष्मजीवी यहां आ सकते हैं या धरती के जीव दूसरे ग्रहों में पहुंच सकते हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि धूल की धारा धरती के वायुमंडल में मौजूद जैविक कणों से इस गति से टकरा सकती है कि उन्हें अंतरिक्ष में भेज सके.
इस तरह की घटना से जीवाणु और दूसरी प्रजातियां सौरमंडल में एक ग्रह से दूसरे ग्रह या उससे भी आगे तक पहुंचने का रास्ता बना सकते हैं.
यह अनुसंधान एस्ट्रोबायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. अनुसंधानकर्ताओं में भारतीय मूल के वैज्ञानिक अर्जुन बरेरा भी शामिल हैं.