Loading election data...

मुगाबे के करीबी रहे एमर्सन नांगगागवा ने ली जिम्बाव्बे के राष्ट्रपति पद की शपथ

हरारे : जिम्बाब्वे के एमर्सन नांगगागवा को शुक्रवार को राष्ट्रपति की शपथ दिलायी गयी जिसके साथ देश में राजनीतिक ड्रामा का समापन हो गया. हाल तक रॉबर्ट मुगाबे के करीबियों में शुमार रहे नांगगागवा ने राजधानी हरारे के बाहरी इलाके में नेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में अपने हजारों समर्थकों, गणमान्य अतिथियों एवं विदेशी राजनयिकों की गरिमामयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2017 5:49 PM

हरारे : जिम्बाब्वे के एमर्सन नांगगागवा को शुक्रवार को राष्ट्रपति की शपथ दिलायी गयी जिसके साथ देश में राजनीतिक ड्रामा का समापन हो गया. हाल तक रॉबर्ट मुगाबे के करीबियों में शुमार रहे नांगगागवा ने राजधानी हरारे के बाहरी इलाके में नेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में अपने हजारों समर्थकों, गणमान्य अतिथियों एवं विदेशी राजनयिकों की गरिमामयी उपस्थिति में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. स्टेडियम और उसके ईद-गिर्द सुरक्षा का अचूक प्रबंध किया गया था.

स्टेडियम में बड़ी संख्या में नांगगागवा के समर्थक पहुंचे थे जो गाने पर झूम रहे थे. इस दक्षिण अफ्रीकी देश में 37 साल तक शासन करनेवाले पूर्व राष्ट्रपति मुगाबे को हाल ही में सैन्य हस्तक्षेप के बाद अपने पद से हटना पड़ा था. उससे पहले मुगाबे ने उपराष्ट्रपति नांगगागवा को बर्खास्त कर दिया था.

जिम्बाब्वे के नये राष्ट्रपति नांगगागवा ने देश के नागरिकों और सेना का आभार जताया. उन्होंने कहा कि हमें देश में शांति चाहिए, हमें लोगों के लिए रोजगार चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को एकजुट होकर अर्थव्यवस्था का विकास करने की जरूरत है. जोहानिसबर्ग से हरारे रवाना होने से पहले नांगगागवा ने अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा से मुलाकात की. मुगाबे ने नांगगागवा को इसी महीने बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद वह दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग चले गये थे.

इससे पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी ने मुगाबे को आश्वासन दिया था कि यदि वह इस्तीफा दे देते हैं तो उनके खिलाफ अभियोजन नहीं चलाया जायेगा. पार्टी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. 93 वर्षीय नेता का भविष्य तय हो चुका था और देश इस सबसे आगे बढ़ने के लिए तैयार था.

सत्तारूढ़ जेडएएनयू-पीएफ के चीफ व्हिप लोवेमोर मातुके ने बताया, उन पर अभियोजन चलना योजना का हिस्सा था ही नहीं. वह सुरक्षित हैं, उनका परिवार सुरक्षित है और हीरो के तौर पर उनका दर्जा देश में बना हुआ है. हम इतना ही कह रहे थे कि वह इस्तीफा दें या महाभियोग का सामना करें. मुगाबे के खिलाफ सांसदों ने अभियोजन शुरू कर दिया था जिसके बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे 37 वर्ष लंबा उनका तानाशाही शासन समाप्त हो गया.

Next Article

Exit mobile version