रोम : कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस अपनी 21वीं और अब तक की सबसे महत्वपूर्ण विदेश यात्रा पर छह दिन के लिए म्यांमार और बांग्लादेश रवाना हो गये हैं.
रोहिंग्या संकट की पृष्ठभूमि में यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. 80 वर्षीय पोप का विमान रात करीब नौ बजे रोम से म्यांमार में यंगून शहर के लिए रवाना हुआ.
वह सुबह करीब सात बजे वहां पहुंचे. आशा की जा रही है कि बौद्ध बहुल म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर उत्पन्न संकट की स्थिति में कुछ सुधार आयेगा.
म्यांमार रवानगी से पहले सेंट पीटर्स चौक पर अनुयायियों को संबोधित करते हुए पोप ने कहा, मैं आपसे दुआओं में मेरे साथ रहने का अनुरोध करता हूं, ताकि इन लोगों के लिए मेरी उपस्थिति आशा और प्रेम का प्रतीक बने.
यहां यह जानना गौरतलब है कि रोहिंग्या संकट शुरू होने के बाद म्यांमार से समुदाय की आधी से ज्यादा आबादी (लगभग 6,20,000 रोहिंग्या मुस्लिम) देश छोड़कर जा चुकी है.