कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स

Getty Images "मेरा जन्म ग़लत शरीर में हुआ था. ऐसा लगता था मैं किसी ऐसी जगह में फंसी हूं जहां मुझे नहीं होना चाहिए." ये बताते हुए ज़रीन का गला रुंध जाता है. ख़ुद को आज़ाद कराने में ज़रीन को 22 साल का लंबा सफ़र तय करना पड़ा. दो साल पहले तक ज़रीन, ज़रीन नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2017 7:02 AM
undefined
कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स 8
Getty Images

"मेरा जन्म ग़लत शरीर में हुआ था. ऐसा लगता था मैं किसी ऐसी जगह में फंसी हूं जहां मुझे नहीं होना चाहिए." ये बताते हुए ज़रीन का गला रुंध जाता है.

ख़ुद को आज़ाद कराने में ज़रीन को 22 साल का लंबा सफ़र तय करना पड़ा. दो साल पहले तक ज़रीन, ज़रीन नहीं बल्कि विक्रांत थीं. लड़के के शरीर में जन्मे विक्रांत दिलोदिमाग़ से लड़की थे.

सालों तक ख़ुद में सिमट कर रहने के बाद उन्होंने सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी कराई और मनचाहा शरीर पा लिया. सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी या बोलचाल की भाषा में कहें तो ‘सेक्स चेंज ऑपरेशन’.

जब एक ट्रांसजेंडर मां बने तो क्या होता है?

जब ‘डॉल’ हो गई ‘ट्रांसजेंडर’…

सेक्स चेंज ऑपरेशन की ख़बरें हमें पढ़ने-सुनने को मिलती रहती हैं. लेकिन आखिर ये है क्या?

क्या सर्जरी से महिला को पुरुष और पुरुष को महिला बनाया जा सकता है? वो कौन लोग हैं जो ये ऑपरेशन कराते हैं? उनके लिए ये इतना ज़रूरी क्यों है?

कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स 9
Getty Images

प्लास्टिक सर्जन डॉ. नरेंद्र कौशिक के मुताबिक सेक्स रिअसाइन्मेन्ट सर्जरी की ज़रूरत उन्हें पड़ती है जो ट्रांसजेंडर हैं. डॉ. कौशिक भारत के उन चुनिंदा सर्जनों में से एक हैं जिन्हें सेक्स असाइन्समेंट सर्जरी में विशेषज्ञता हासिल है.

उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति जन्म से ही या तो ट्रांसजेंडर होता है या नहीं होता है. यह कोई ऐसी प्रवृत्ति नहीं है जो जन्म के बाद विकसित हो.

कौन हैं ट्रांसजेंडर?

ट्रांसजेंडर यानी जिनका ‘सेक्शुअल ऑर्गन’ और जेंडर अलग-अलग है. ये लोग अपने शरीर में सहज नहीं होते हैं. ऐसा मुमकिन है कि लड़का बनकर जन्मा कोई शख़्स लड़की जैसा महसूस करे या लड़की के शरीर में जन्मा शख़्स लड़के जैसा महसूस करे.

यह कोई दिमागी परेशानी, स्वभाव या जान-बूझकर की जाने वाली हरकत नहीं है, ऐसा होना बिल्कुल नॉर्मल है. ये इतना सामान्य है कि इनके क्रोमोसोम्स भी लड़के (XY) और लड़कियों (XX, YY) वाले होते हैं. इसके बावजूद ये अपने शरीर के अनुसार न तो महसूस करते हैं और न ही वैसा बर्ताव कर पाते हैं.

मेडिकल साइंस की भाषा में इस स्थिति को ‘जेंडर डिस्फ़ोरिया’ कहते हैं.

कैसे पता चलेगा कि कोई ट्रांसजेंडर है?

आम तौर पर 12-13 साल की उम्र तक लोगों को पता चल जाता है कि वो कुदरत के दिए शरीर में सहज हैं या नहीं.

डॉ. कौशिक बताते हैं,"ऐसा बच्चा अगर लड़का है तो वो छिप-छिपकर लड़कियों के कपड़े पहनने लगेगा. लड़कियों जैसा दिखने की कोशिश करने लगेगा. उसके हाव-भाव भी लड़कियों की तरह होंगे."

कुछ ऐसा ही ट्रांसजेंडर लड़की के साथ भी होगा. उसे लड़कों जैसे कपड़े पहनना, लड़कों जैसा लुक और स्टाइल रखना अच्छा लगेगा. वह लड़कियों की तरफ़ आकर्षित होगी, लड़कों की तरफ़ नहीं क्योंकि उसकी भावनाएं पुरुष की हैं, महिला की नहीं.

ट्रांसजेंडर मॉडल, एयर होस्टेस क्यों नहीं बन सकती?

दो ट्रांसजेंडर की सबसे अनोखी प्रेम कहानी

अगर माता-पिता और परिवार के लोग अपने बच्चों पर ध्यान दें तो छोटी उम्र में ही उनके ट्रांसज़ेंडर होने का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वो घबराएं न और बच्चे का साथ दें.

ये समझना भी ज़रूरी है कि ऐसे बच्चे अबनॉर्मल नहीं होते. वो किसी दूसरे बच्चे की तरह ही सामान्य हैं और उनके साथ वैसा ही बर्ताव किया जाना चाहिए.

अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को इस तरह देखकर परेशान हो जाते हैं. वो डांट-डपटकर उन्हें एक ख़ास तरीके से पेश आने पर मज़बूर करते हैं.

ऐसे में बच्चों को समझ ही नहीं आता कि उनकी ‘आइडेंटिटी’ यानी पहचान क्या है? वो डिप्रेशन में चले जाते हैं और कई बार ख़ुदकुशी तक कर लेते हैं.

कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स 10
Getty Images

डॉ. कौशिक कहते हैं,"ये ज़रूरी है कि हम किसी शख़्स को वैसे ही देखें जैसे वो चाहता है. अगर कोई अपने शरीर में सहज नहीं है तो सर्जरी के ज़रिए इसे बदला जा सकता है. इसे ‘सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी’ कहते हैं.’

कैसे होती है सेक्स रिअसाइन्मेन्ट सर्जरी?

सेक्स चेंज ऑपरेशन से पहले इस बात की पुष्टि होनी ज़रूरी है कि शख़्स को ‘जेंडर डिस्फ़ोरिया’ है या नहीं.

इसके लिए सायकायट्रिस्ट और साइकोलॉजिस्ट की मदद लेनी पड़ती है. लंबी बातचीत और सेशन्स के बाद सायकायट्रिस्ट इस नतीजे पर पहुंचता है कि मामला ‘जेंडर डिस्फ़ोरिया’ का है या नहीं.

अगर ऐसा है तो ट्रीटमेंट की शुरुआत ‘हॉर्मोनल थेरेपी’ से की जाती है. यानी जिस हॉर्मोन की ज़रूरत है वो दवाओं और इंजेक्शन के ज़रिए शरीर में पहुंचाया जाता है.

डॉ. कौशिक बताते हैं,"दो-तीन डोज़ के बाद ही असर दिखना शुरू हो जाता है. मनचाहा हॉर्मोन मिलने के बाद लोग अच्छा महसूस करने लगते हैं, उनका मिज़ाज अच्छा होने लगता है और वो ख़ुश रहने लगते हैं."

कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स 11
Getty Images

इसके बाद सर्जरी की तैयारी होती है. सर्जरी कराने वाले की उम्र कम से कम 20 साल होनी चाहिए. 20 साल से कम उम्र का होने पर माता-पिता की सहमति ज़रूरी है.

ऑपरेशन के लिए कम से कम एक सायकायट्रिस्ट और एक साइकोलॉजिस्ट की मंजूरी भी ज़रूरी है.

यह एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें तकरीबन 5-6 घंटे लगते हैं. इस दौरान ब्रेस्ट, जननांगों और चेहरे पर काम किया जाता है. डॉ. कौशिक का मानना है कि सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी के लिए टीम वर्क की ज़रूरत होती है.

ट्रांसजेंडर कॉन्स्टेबल की नहीं हो रही पोस्टिंग

ट्रांसजेंडर बॉक्सर जो मर्दों पर भारी पड़ती हैं

इसमें प्लास्टिक सर्जन से लेकर सायकायट्रिस्ट, गाइनोकॉलजिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट तक की ज़रूरत पड़ सकती है.

ऑपरेशन के बाद कम से कम एक साल तक हॉ़र्मोनल थेरेपी जारी रहती है. कई बार पूरी ज़िंदगी हॉर्मोनल थेरेपी की ज़रूरत पड़ती है, ख़ासकर फ़ीमेल-टू-मेल सर्जरी के मामलों में.

कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स 12
Getty Images

सर्जरी के बाद आम ज़िंदगी बसर की जा सकती है. ऑपरेशन के बाद लोगों की सेक्स लाइफ़ भी नॉर्मल होती है. हालांकि मेल-टू-फ़ीमेल सर्जरी के बाद मां नहीं बन सकते, लेकिन सरोगेसी या बच्चा गोद लेने के विकल्प हमेशा मौज़ूद हैं.

ऑपरेशन में कुल मिलाकर तक़रीबन 10-20 लाख रुपये तक का खर्च आता है. भारत में सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी को मेडिकल इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता.

क्यों कराते हैं सेक्स चेंज?

अक्सर ये सवाल पूछा जाता है कि एक ट्रांसजेंडर के लिए सेक्स रिअसाइंमेंट सर्जरी इतनी ज़रूरी क्यों है? आखिर क्यों वो शरीर बदलने के लिए इतना लंबा, खर्चीले और तकलीफ़देह रास्ता चुनने से नहीं कतराते?

इसके जवाब में डॉ. कौशिक कहते हैं,"सोचिए अगर किसी लड़के से ये कहा जाए कि उसे पूरी ज़िंदगी लड़की बनकर रहना है या किसी लड़की से हमेशा लड़का बनकर रहने की उम्मीद की जाए तो ये कितना मुश्किल होगा?"

ऐसी स्थिति में न तो वो मनचाहा प्यार पा सकते हैं, न शादी कर सकते हैं. अपने तरीके से जी नहीं सकते, अपनी पसंद के कपड़े नहीं पहन सकते.

कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स 13
Getty Images

डॉ. कौशिक ने बताया कि उन्होंने ऑपरेशन के बाद लोगों को भावुक होकर रोते देखा है. वो कहते हैं, "अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा ग़लत शरीर में कैद रहकर गुजारना आसान नहीं है…’

डॉ. कौशिक याद करते हैं,"मेरे पास एक शख़्स आया था. उसका कहना था कि वो एक औरत बनकर मरना चाहता है. वो ऑपरेशन के लिए कई सालों से पैसे जमा कर रहा था. सर्जरी के बाद उसके चेहरे पर ख़ुशी का जो भाव था, वो मुझे आज भी याद है."

ट्रांसजेंडरों से जुड़े मिथक

कुछ लोगों के जननांगों में विकृतियां होती हैं या कुछ के शरीर में महिला और पुरुष दोनों के जननांग विकसित हो जाते हैं. ये वैसा ही जैसे किसी बच्चे का होंठ या तालु सटा होना. इसे भी ऑपरेशन करके ठीक किया जा सकता है. ऐसे लोगों को ट्रांसजेंडर नहीं कहा जा सकता.

यह समझना भी ज़रूरी है कि ट्रांसजेंडर और समलैंगिक एक नहीं होते. समलैंगिक वो शख़्स है जो अपने शरीर में सहज है लेकिन उसे आकर्षण समान लिंग वाले से होता है. यानी किसी समलैंगिक पुरुष दूसरे पुरुषों की आकर्षित होगा लेकिन वो अपना शरीर नहीं बदलना चाहेगा.

इसके उलट एक ट्रांसजेंडर के मन में हमेशा अपना शरीर बदलने की चाहत होगी.

ऑपरेशन के बाद

सर्जरी के बाद मेडिकल सर्टिफ़िकेट और हलफ़नामे की मदद से सरकारी कागजातों जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड में नाम और सेक्स बदलवाया जा सकता है.

कैसे और कितने दिन में बदल जाता है सेक्स 14
Getty Images

हालांकि शैक्षणिक कागजातों में इसे नहीं बदला जा सकता. यानी हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के सर्टिफ़िकेट पर वही नाम और सेक्स लिखा रहेगा जो किसी को जन्म से मिला है.

डॉ. कौशिक कहते हैं कि अगर जेंडर डिस्फ़ोरिया के बारे में सही जानकारी हो तो न जाने कितने लोग नाच-गाकर या भीख मांगने के बजाय इज्ज़त की ज़िंदगी जी सकेंगे.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

>

Next Article

Exit mobile version