ट्रंप की घोषणा का विरोध, यरुशलम मुद्दे पर संरा सुरक्षा परिषद की आपात बैठक शुक्रवार को
संयुक्तराष्ट्र : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलायी है. ट्रंप ने दशकों पुरानी अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय नीति को पलटते हुए यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे […]
संयुक्तराष्ट्र : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलायी है. ट्रंप ने दशकों पुरानी अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय नीति को पलटते हुए यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता दे दी. उन्होंने इसके साथ ही विदेश मंत्रालय को यरुशलम में अमेरिकी दूतावास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया.
सुरक्षा परिषद के 15 में से कम से कम आठ सदस्यों ने वैश्विक निकाय से एक विशेष बैठक बुलाने की मांग की है. बैठक की मांग करनेवाले देशों में सुरक्षा परिषद के दो स्थायी सदस्य देश ब्रिटेन और फ्रांस तथा बोलीविया, मिस्र, इटली, सेनेगल, स्वीडन, ब्रिटेन और उरुग्वे जैसे अस्थायी सदस्य शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को संबोधित करने की संभावना है. इससे पहले गुतारेस ने कहा था कि इस मुद्दे को सीधी बातचीत के जरिये सुलझाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, इस गंभीर चिंता के समय, मैं यह साफ करना चाहूंगा कि द्वि-राष्ट्र समाधान का कोई और विकल्प नहीं है. गुतारेस ने कहा कि इस्राइली और फीलिस्तीनियों की शांति की संभावना पर संकट उत्पन्न करनेवाले एकतरफा उपायों के खिलाफ उन्होंने हमेशा आवाज उठायी है. महासचिव ने कहा, यरुशलम एक अंतिम स्थिति मुद्दा है जिसे इस्राइल और फीलिस्तीन की वैध चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, दोनों पक्षों के बीच सुरक्षा परिषद एवं महासभा के प्रस्तावों के आधार पर सीधी बातचीत के जरिए ही सुलझाया जाना चाहिए. यरुशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित करने के ट्रंप के निर्णय से कई देश नाराज हो गये हैं. अमेरिका के कई सहयोगियों ने विवादास्पद निर्णय के लिए ट्रंप की आलोचना की है.
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि अंतिम स्थिति समझौते से पहले अमेरिका की यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा और अमेरिकी दूतावास को वहां स्थानांतरित करने के कदम से वह सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में शांति की संभावनाएं तलाशने की दिशा में यह मददगार साबित नहीं होगा. इस्राइल के लिए ब्रिटेन का दूतावास तेल अवीव में स्थित है और उसे वहां से स्थानांतरित करने का हमारा कोई इरादा नहीं है. मे ने कहा कि यरुशलम की स्थिति पर इस्राइलियों और फीलिस्तीनियों के बीच बातचीत से फैसला किया जाना चाहिए.
ट्रंप ने यरुशलम के इतिहास से खुद को हमेशा के लिए जोड लिया : नेतन्याहू यरुशलम, सात दिसंबर (एएफपी)
वहीं, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यरुशलम को उनके देश की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की सराहना की. नेतन्याहू ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने हमारी राजधानी के इतिहास के साथ खुद को हमेशा के लिए जोड़ लिया है. उन्होंने कहा, उनके नाम को शहर के शानदार इतिहास के साथ गर्व से प्रदर्शित किया जायेगा.