सिंह के परिवार का राजनीति में युवराज नहीं
राजेश कुमार सिंह, मनिहारी कटिहार लोकसभा क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व सांसद युवराज सिंह के परिवार के किसी भी सदस्यों को राजनीति से अब कोई वास्ता नहीं रहा है. पूर्व सांसद युवराज की पहचान आमलोगों के नेता के रूप में अब भी की जाती है. युवराज 1977 और 1989 में कटिहार लोकसभा […]
राजेश कुमार सिंह, मनिहारी
कटिहार लोकसभा क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व सांसद युवराज सिंह के परिवार के किसी भी सदस्यों को राजनीति से अब कोई वास्ता नहीं रहा है. पूर्व सांसद युवराज की पहचान आमलोगों के नेता के रूप में अब भी की जाती है. युवराज 1977 और 1989 में कटिहार लोकसभा का सांसद बने थे. वहीं 1962 से 1974 के बीच चार बार मनिहारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं. 94 वर्षीय पूर्व सांसद युवराज मनिहारी के कुमारीपुर में रह रहे हैं. बढ़ती उम्र के कारण तबीयत भी खराब रहती है. फिर भी आम जनता के लिए काम करने का जुनून बरकरार है. पूर्व सांसद ने वंशवाद के मुद्दे पर बताया कि हम नहीं चाहते थे कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य मेरे नाम पर राजनीति में आए.
उन्होंने कहा कि राजनीति में सभी को अपनी प्रतिभा विकसित करने का मौका मिलना चाहिए. पूर्व सांसद के एक पुत्र हैं, जो खेती-बारी से जुड़े हैं.युवराज सिंह ने बताया कि 1942 में गांधीजी के आंदोलन में शामिल हुए थे. स्वतंत्रता सेनानी के रूप में देश के आजादी के लिए अहम योगदान दिया. पूर्व सांसद ने बताया कि उनका सार्वजनिक जीवन किसान और मजदूरों की सेवा में बीता है. आज भी दूसरों के लिए जी रहा हूं. अभी भी आमलोग छोटे-मोटे काम के लिए आते हैं. पूर्व सांसद ने बताया कि जेपी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभायी.
जेपी आंदोलन में मनिहारी के पूर्व विधायक स्व राम सिपाही यादव, स्व विद्यानंद मिश्र, स्व रमेशचंद्र मंडल का अहम सहयोग मिला. उन्होंने बताया कि केंद्र या राज्य में मंत्री बनने के कई मौके आए, लेकिन मैंने कभी कोशिश नहीं की. कई बार केंद्रीय स्तरीय कमेटी का चेयरमैन रहा. उन्होंने बताया कि आज के चुनाव में और पहले के चुनाव में काफी अंतर था. पहले चुनाव में रुपया ना के बराबर खर्च होता था. पूर्व सांसद ने सभी मतदाताओं को मतदान करने के लिए अपील की. उन्होंने ईमानदार व स्वच्छ छवि के व्यक्ति को चुनाव में चुनने की अपील की. पूर्व सांसद ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि देश की सेवा बगैर स्वार्थ के करनी चाहिए और राजनीति में नए लोगों को मौका मिलना चाहिए.