फिर बदमाशी करने लगा चीन, डोकलाम में 1800 चीनी सैनिकों ने डाला डेरा

नयी दिल्ली : पाकिस्तान के पक्के मित्रऔरभारतका पड़ोसी मुल्क चीन बदमाशियां बंद नहीं कर रहा. सिक्किम-भूटान-तिब्बत सीमा के पास डोकलाम क्षेत्र में एक बार फिर उसके 1600-1800 सैनिक जम गये हैं. वे यहां हेलीपैड्स, रोड और शिविरबनारहे हैं. वहीं भारतनेअपनी सेना को साफ कर दिया है कि चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) किसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2017 10:11 AM

नयी दिल्ली : पाकिस्तान के पक्के मित्रऔरभारतका पड़ोसी मुल्क चीन बदमाशियां बंद नहीं कर रहा. सिक्किम-भूटान-तिब्बत सीमा के पास डोकलाम क्षेत्र में एक बार फिर उसके 1600-1800 सैनिक जम गये हैं. वे यहां हेलीपैड्स, रोड और शिविरबनारहे हैं. वहीं भारतनेअपनी सेना को साफ कर दिया है कि चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) किसी भी सूरत में दक्षिण की ओर सड़क का विस्तार न कर पाये.

इसे भी पढ़ें : सीबीएसई ने जारी कर दिया शेड्यूल 10वीं और 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 16 जनवरी से

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने सितंबर में ही आगाह किया था कि चीन विवादित क्षेत्र में ताकत आजमाने की कोशिश करता रहेगा. इसलिए चुंबी वैली में रणनीति के तौर पर सैनिकों को तैनात किया गया है. यह सिक्किम और भूटान के बीच में मौजूद है. पहले डोकलाम में भारतीय सैनिक चीन के सैनिकों पर आपत्ति नहीं करते थे, लेकिन जून में जब सड़क बनाने के लिए PLA ने यथास्थिति को तोड़ने की कोशिश की, तो यहां की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी.

पहले हर साल अप्रैल-मई और अक्तूबर-नवंबर में PLA के सैनिक डोकलाम में आ जाते थे और इस क्षेत्र पर अपना दावा करते थे. 28 अगस्त,2016 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच टकराव खत्म होने के बाद पहली बार ऐसा देखा गया है कि PLA ने भूटान क्षेत्र में अड्डा जमा लिया है. हालांकि, भारत के साथ यथास्थिति बनी हुई है.

इसे भी पढ़ें : क्यों बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : गुजरात चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है पाकिस्तान

ज्ञात हो कि अगस्त में भारतीय जवानों ने चीन को सड़क बनाने से रोक दियाथा. इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से पहले पड़ोसी देश को अपने सैनिकों को 150 मीटर पीछे बुलाना पड़ा. अब इस क्षेत्र में शांति है और भारत-चीन की सेनाएं 500 मीटर दूर रहती हैं. हालांकि, लाईन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर सैनिकों की चहलकदमी रहती है. सूत्रों की मानें, तो इसके बाद चीन ने डोकलाम में दक्षिण की तरफ सड़क बनाने की कोशिश नहीं की.

Next Article

Exit mobile version