पढ़ें, आखिर क्यों चीन गुजरात में चाहता है- ”अबकी बार, भाजपा सरकार”

नयी दिल्‍ली : गुजरात विधानसभा चुनाव में गुरुवार को दूसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान संपन्‍न हो चुके हैं और सभी की नजरें 18 दिसंबर पर टिकी हुई है. ‘जी हां’ यानी मतगणना वाले दिन पर… हालांकि, मतदान के बाद आये सभी एक्जिट पोल गुजरात में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2017 1:20 PM

नयी दिल्‍ली : गुजरात विधानसभा चुनाव में गुरुवार को दूसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान संपन्‍न हो चुके हैं और सभी की नजरें 18 दिसंबर पर टिकी हुई है. ‘जी हां’ यानी मतगणना वाले दिन पर… हालांकि, मतदान के बाद आये सभी एक्जिट पोल गुजरात में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की ओर इशारा करते नजर आ रहे हैं. हालांकि गुजरात में भाजपा की सरकार बनेगी या नहीं, ये तस्‍वीर तो आने वाले सोमवार को ही साफ होगी, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि चीन की गुजरात विधानसभा के चुनाव को लेकर क्‍या सोच रखता है? चीन के व्‍यापारी गुजरात में आखिर किसकी सरकार बनते हुए देखना चाहते हैं ?

क्यों ये प्रश्‍न सुनकर आप चौंक गये क्या ? आप सोच रहे होंगे कि आखिर, हमारे पड़ोसी देश चीन की गुजरात चुनाव में क्‍या रूचि हो सकती है! तो आगे सुनिए, चीनी कंपनियों इस समय बेसब्री से 18 दिसंबर का इंतजार कर रही हैं. चीनी कंपनियां गुजरात में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनते हुए देखना चाहती है. गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी मेहनत सफल हो, यह चीनी कंपनियां चाहतीं हैं. ये सब पढ़कर आप सोच रहे होगें कि आखिर चीनी कंपनियां ऐसा क्‍यों सोच रही हैं?

तो आगे की खबर भी पढ़ें… दरअसल, चीनी कंपनियां पिछले काफी समय से गुजरात में निवेश कर रही हैं. कई चीनी कंपनियों के बड़े-बड़े प्रोजेक्‍ट गुजरात में चल रहे हैं और यदि यहां सत्ता परिवर्तन होता है और भाजपा के अलावा किसी और पार्टी की सरकार बनती है, तो ऐसे में इन प्रोजेक्‍ट्स पर प्रभाव पड़ना लाजिमी है. वहीं दूसरी ओर यदि भाजपा सरकार अगर फिर गुजरात की सत्‍ता संभालती है, तो चीनी कंपनियों को कोई दिक्कत नहीं होगी. भाजपा इस चुनाव में जीत दर्ज करती है, तो मोदी की रिफॉर्म की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी.

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मामले को लेकर एक खबर प्रकाशित की है जिसके अनुसार, यदि गुजरात में भाजपा को बड़ी जीत होती है, तो उनका आर्थिक रिफॉर्म का सिलसिला जारी रह सकता है, जिसका इंतजार चीनी कंपनियों को है. अखबार के अनुसार चीन की ओर से पिछले काफी समय से भारत में निवेश की मात्रा बढ़ी है. कई चीनी कंपनियों को यह विश्वास है कि भारत नये और बड़े बाजार के रूप में तैयार होता जा रहा है जिसका लाभ उन्हें होगा. इसके लिए मोदी सरकार आर्थिक फैसले ले रही है, वह चीनी कंपनियों के लिए लाभप्रद हो सकते हैं. अखबार की मानें तो, मोदी ने जो अभी तक फैसले लिये हैं, उनपर अर्थशास्त्रियों और विपक्ष ने उनपर हमला करने का काम किया, लेकिन मोदी के गुजरात मॉडल का सही आकलन गुजरात की जनता ही लगा सकती है.

अखबार ने आगे लिखा है कि भारत में चीनी कंपनियों को गुजरात के नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि नतीजे ही आने वाले समय के आर्थिक फैसलों का रास्ता तय करेंगे.

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