गुजरात चुनाव : हार्दिक पटेल ने वोटबैंक में लगायी सेंध, भाजपा के पाटीदार वोट में आयी करीब 10 प्रतिशत की कमी

अहमदाबाद : गुजरात चुनाव के जीत में अहम किरदार निभाने वाले पाटीदारों ने भाजपा का इस बार भी साथ निभाया, लेकिन हार्दिक पटेल ने भाजपा के पाटीदार वोट बैंक में सेंध लगा दी. भाजपा के पाटीदार वोट में इस बार 10% की कमी रही. पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक ने भाजपा का विरोध और कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2017 9:03 AM

अहमदाबाद : गुजरात चुनाव के जीत में अहम किरदार निभाने वाले पाटीदारों ने भाजपा का इस बार भी साथ निभाया, लेकिन हार्दिक पटेल ने भाजपा के पाटीदार वोट बैंक में सेंध लगा दी. भाजपा के पाटीदार वोट में इस बार 10% की कमी रही. पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक ने भाजपा का विरोध और कांग्रेस का समर्थन किया. इसका सिर्फ इतना ही फायदा मिला कि पाटीदार बहुल सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में भाजपा पिछड़ती नजर आयी.

सौराष्ट्र में 54 सीटों में से कांग्रेस को 30 और भाजपा को 23 सीटें मिलीं. बाकी पूरे प्रदेश के में पटेलों ने भाजपा का साथ दिया है. इस बार पाटीदारों के प्रभाव वाली 73 सीटों में से 45 यानी 61% सीटें भाजपा के खाते में आयी और कांग्रेस के पास 28 यानी 38% सीट आयी. वहीं 2012 में पाटीदारों के प्रभाव वाले 83 सीटों में से भाजपा ने 59 यानी 71% सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस के पास 22 यानी 26% सीटें गयी थीं. इस बार पाटीदार बहुल क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत भी कम रहा है.

भाजपा के पारंपरिक वोटर रहे हैं पाटीदार

90 के दशक में पाटीदार समाज भाजपा की ओर आना शुरू हुआ. पाटीदार समाज को भाजपा की ओर खींचने में वरिष्ठ भाजपा नेता केशुभाई पटेल ने अहम भूमिका निभायी. 90 के दशक से ही पाटीदार समाज के 80 फीसदी वोटर भाजपा के पक्ष में मतदान करते आये हैं. इसी वजह से पाटीदार समाज को भाजपा का पारंपरिक वोटबैंक कहा जाता है. 2012 के विधानसभा चुनावों में सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों की 89 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा और कांग्रेस महज 16 सीटों पर सिमट गयी. 2012 के विधानसभा चुनाव में कड़वा बिरादरी के 82 फीसदी और लेउवा बिरादरी के 63 फीसदी वोट भाजपा को मिले.

गुजरात में मिली जीत के बाद भाजपा ने बांटा मशरूम केक

गुजरात में भाजपा की जीत के बाद भाजपा प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा मशरूम केक के साथ दिल्ली भाजपा कार्यालय पहुंचे और लोगों का मुंह मीठा कराया. मशरूम केक के जरिये उन्होंने अल्पेश ठाकोर के मशरूम पर तंज कसा. ओबीसी कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर ने अपने भाषण में पीएम मोदी की ताकत और मशरूम के बीच कनेक्शन बताते हुए आरोप लगाया था कि पीएम एक महीने में करोड़ों रुपये की मशरूम खा जाते हैं. अल्पेश ने कहा था कि मोदी कहते हैं कि न मैं खाता हूं और न खाने देता हूं. लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि मोदी जी जो खाते हैं वह तुम नहीं खा सकते हो, उसके गरीब नहीं खा सकते हैं. पीएम मोदी की मजबूती का राज कीमती मशरूम में छिपा है. यह मशरूम काफी कीमती है. पीएम मोदी हर रोज पांच मशरूम खाते हैं. इसे ताईवान से मंगाया जाता है.

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