दिल्ली: दयाल सिंह अब नहीं बनेगा वंदे मातरम कॉलेज!
<p>दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज (इवनिंग) का नाम बदलने के फैसले पर सरकार ने रोक लगा दी है. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संसद में मंगलवार को इस बात की जानकारी दी.</p><p>दरअसल कॉलेज की प्रबंधन समिति ने दयाल सिंह कॉलेज का नाम ‘वंदे मातरम’ करने का फैसला लिया था, जिसे लेकर काफी […]
<p>दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज (इवनिंग) का नाम बदलने के फैसले पर सरकार ने रोक लगा दी है. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संसद में मंगलवार को इस बात की जानकारी दी.</p><p>दरअसल कॉलेज की प्रबंधन समिति ने दयाल सिंह कॉलेज का नाम ‘वंदे मातरम’ करने का फैसला लिया था, जिसे लेकर काफी विरोध भी हुआ. </p><p>राज्यसभा में शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने शून्य काल में इस मुद्दे पर चिंता ज़ाहिर की. </p><p>उन्होंने कहा, ”मैं मानता हूं कि वंदे मातरम कहने से हर भारतीय के मन में देशभक्ति की भावना मज़बूत होती है. सरकार को पूरे देश में वंदे मातरम विश्वविद्यालयों की स्थापना करना चाहिए. लेकिन अल्पसंख्यक संस्थान का नाम बदलने से सिखों की भावनाएं आहत होती हैं. इसकी निंदा की जानी चाहिए.'</p><p>इस पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साफ किया कि इवनिंग कॉलेज का नाम बदलने का फैसला सरकार का नहीं था, बल्कि सरकार तो इस फैसले के खिलाफ थी, इसलिए सरकार ने फैसले पर रोक लगाने और तत्काल एक बैठक बुलाने को कहा है.</p><p>दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा इस मामले को उठाते रहे हैं. </p><p>उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने को लेकर आज राज्यसभा में भारी हंगामा हुआ.” </p><p><a href="https://twitter.com/mssirsa/status/943016895799631872">https://twitter.com/mssirsa/status/943016895799631872</a></p><p>नरेश गुजराल ने संसद में कहा था कि समाज-सेवी दयाल सिंह मजीठिया ने अपना पूरा जीवन और जमा पूंजी शिक्षा के लिए लगाई और कई स्कूल कॉलेजों की स्थापना की. पाकिस्तान के लाहौर में भी एक दयाल सिंह कॉलेज है.</p><p>दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलने पर छात्रों ने क्या था. देखिए बीबीसी हिंदी का ये फेसबुक लाइव:</p><p><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi/videos/1796222763742624/">https://www.facebook.com/BBCnewsHindi/videos/1796222763742624/</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>