इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने गुरुवार को तमाम कयासों को खारिज करते हुए कहा है कि कुलभूषण जाधव की मां तथा पत्नी सोमवार को उनसे अंतिम मुलाकात करेंगी. उन्होंने कहा कि भारतीय कैदी को तत्काल फांसी का कोई खतरा नहीं है. पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव की मां और पत्नी को उनसे मुलाकात की अनुमति पूरी तरह मानवीय आधार पर दी है.
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फैसल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में मीडिया से कहा कि मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि कमांडर (जाधव) को तत्काल फांसी का कोई खतरा नहीं है. उनकी दया याचिकाएं अब भी लंबित हैं. वह जाधव को परिवार से मुलाकात के बाद संभवत: तत्काल फांसी दिये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे. फैसल ने कहा कि जाधव की मां और पत्नी को उनसे मुलाकात का अवसर इस्लामी परंपराओं के मद्देनजर उपलब्ध कराया जा रहा है. यह पूरी तरह मानवीय आधार पर आधारित है.
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने दोनों महिलाओं को वीजा जारी कर दिया है. मुलाकात विदेश मंत्रालय में होगी. भारतीय उच्चयोग से एक राजनयिक को जाधव की मां और पत्नी के साथ आने की अनुमति दी जायेगी. फैसल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान कमांडर जाधव की मां और पत्नी की मीडिया से बात कराने की अनुमति देने को तैयार है. हम इस संबंध में भारत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 47 वर्षीय जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल में मौत की सजा सुनायी थी. इसके बाद, मई में भारत अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत चला गया, जिसने उनकी फांसी पर रोक लगा दी और अभी इसका अंतिम फैसला लंबित है. पाकिस्तान जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने से बार-बार इनकार करता रहा है और कहता रहा है कि यह जासूसी से संबंधित मामलों में लागू नहीं है.
इसने कहा कि जाधव कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, क्योंकि वह जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के मकसद से देश में घुसे थे. पाकिस्तान दावा करता है कि इसके सुरक्षाबलों ने जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को पिछले साल तीन मार्च को अशांत बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर ईरान से घुसे थे. हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया, जहां वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबारी उद्देश्य से गये थे.