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ट्यूनीशियाई ज़मीन पर नहीं उतरेंगे अमीरात एयरलाइन्स के विमान

AFP/GETTY ट्यूनीशियाई सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात की ‘अमीरात एयरलाइन्स’ के विमानों के राजधानी ट्यूनिश में उतरने पर रोक लगा दी है. कई ट्यूनीशियाई महिलाओं को विमान में सफ़र करने की इजाज़त न देने के चलते ट्यूनीशिया ने ये कदम उठाया है. ट्यूनीशिया में इस बात का कई संगठन विरोध कर रहे थे और अमीरात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2017 6:25 PM
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ट्यूनीशियाई ज़मीन पर नहीं उतरेंगे अमीरात एयरलाइन्स के विमान 3
AFP/GETTY

ट्यूनीशियाई सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात की ‘अमीरात एयरलाइन्स’ के विमानों के राजधानी ट्यूनिश में उतरने पर रोक लगा दी है. कई ट्यूनीशियाई महिलाओं को विमान में सफ़र करने की इजाज़त न देने के चलते ट्यूनीशिया ने ये कदम उठाया है.

ट्यूनीशिया में इस बात का कई संगठन विरोध कर रहे थे और अमीरात एयरलाइन को लेकर लोगों के बीच गुस्सा था.

यातायात मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”जब तक अमीरात अंतराष्ट्रीय समझौते और क़ानून को ध्यान में रखकर विमान सेवाएँ मुहैया नहीं कराएगा, तब तक ये प्रतिबंध जारी रहेंगे.”

एयरलाइन का कहना है कि उसने सुरक्षा कारणों के चलते ऐसा किया.

संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अनवर गार्गश ने रविवार को ट्विटर पर कहा, "हमने अपने ट्यूनीशियाई भाइयों से विशिष्ट प्रक्रिया के लिए ज़रूरी सुरक्षा जानकारी के बारे में बात की. हम ट्यूनीशियाई महिलाओं का सम्मान करते हैं."

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Getty Images
सांकेतिक तस्वीर

इससे पहले, ट्यूनीशियाई सरकार ने कहा था कि यूएई ने ट्यूनीशियाई महिलाओं के विमान में यात्रा करने और अपनी सीमा से गुज़रने पर प्रतिबंध लगाया है.

ट्यूनीशियाई सरकार ने शुक्रवार को यूएई के राजदूत से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके जवाब में यूएई ने बताया कि प्रतिबंध अस्थायी थे और इसे हटाया जा चुका है.

दुबई से फ़्लाइट बोर्ड करने पर रोक

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, ट्यूनिशाई महिलाओं के दुबई से फ्लाइट बोर्ड करने पर कई दिनों से रोक लगाई गई थी.

समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक, कुछ ट्यूनिशियाई महिलाओं ने कहा कि उन्हें यूएई की फ्लाइट से यात्रा के लिए देरी का सामना करना पड़ा. वहीं कुछ महिलाओं ने वीज़ा की अतिरिक्त जांच किए जाने की बात कही.

2011 में हुई क्रांति के बाद संयुक्त अरब अमीरात से ट्यूनीशिया अपने रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है.

ट्यूनीशिया की सत्तारूढ़ एन्नाहडा पार्टी के क़तर से ताल्लुकात हैं. ये वही क़तर है, जिस पर कुछ महीनों पहले यूएई, सऊदी अरब और बहरीन ने चरमपंथ का समर्थन करने का आरोप लगाकर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे.

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