न्यू यॉर्क : संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया को तेल की सप्लाई पर प्रतिबंध लगानेके बावजूद रूस और चीन उसे तेल की सप्लाई कर रहे हैं. विगत कुछ दिनों में रूस ने उत्तर कोरिया को तेल की सप्लाई की है. सूत्रों के मुताबिक, रूस समुद्री रास्तों से पेट्रोल और कच्चा तेल लगातार उत्तर कोरिया को बेच रहा है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर उत्तर कोरिया को तेल बेचने को लेकर आपत्ति जतायी थी.
ट्रंप ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जब तक उत्तर कोरिया को तेल की सप्लाई होता रहेगा, कोरियाई संकट का शांतिपूर्ण हल नहीं निकल सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि चीन उत्तर कोरिया को तेल की सप्लाई कर रहा है और उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया है. दूसरी ओर, रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी टैंकर भी उत्तर कोरियाई जहाज को तेल देते पकड़े गये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की खुफिया सेटेलाइट में कई तस्वीरें कैद हुईं जिनमें उत्तर कोरिया के जहाजों में तेल भरते अन्य जहाज दिखायी दिये थे. हालांकि, इसमें रूसी सरकार की भागीदारी के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
उत्तर कोरिया ने तेल पर लगाये गये बैन को युद्ध शुरू करने जैसी कार्रवाई कहा था. उत्तर कोरिया पिछले कुछ महीने में कई मिसाइल टेस्ट किये हैं जिसके बाद से वह विवादों में है. संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर प्रतिक्रियास्वरूप सर्वसम्मति से उस पर आर्थिक प्रतिबंध और भी कड़े कर दिये थे. इससे उत्तर कोरिया का तेल आयात 90 प्रतिशत तक घट जाने की उम्मीद थी. उससमय संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निकी हेली ने कहा था, यह प्रस्ताव उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ायेगा. बावजूद इसके उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र की चेतावनियों को दरकिनार करतेहुए अपने मिसाइल कार्यक्रम आगे बढ़ा रहा है. मालूम हो रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है. अक्तूबर और नवंबर में रूस अपने समुद्री रास्तों से उत्तर कोरिया को तेल बेचा है. उत्तर कोरिया को तेल निर्यात को लेकर रूस के विदेश मंत्री ने मामले में बयान देने से इनकार कर दिया है.