झूठे पाकिस्तान पर अमेरिकी प्रहार : सुरक्षा सहायता पर लगायी रोक
वाशिंगटन : नये साल के अवसर पर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर झूठ और छल का आरोप लगाते हुए कहा था कि अब उसे और मदद नहीं दी जाएगी. इसके कुछ दिन बाद अमेरिका ने इस नीति पर अपने कदम बढ़ाते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी […]
वाशिंगटन : नये साल के अवसर पर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर झूठ और छल का आरोप लगाते हुए कहा था कि अब उसे और मदद नहीं दी जाएगी. इसके कुछ दिन बाद अमेरिका ने इस नीति पर अपने कदम बढ़ाते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सुरक्षा सहायताओं को बंद कर दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान पर अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों को पनाह देने के साथ ही इनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में दिलचस्पी नहीं दिखाने का आरोप लगाते हुए उसको दी जाने वाली 1.15 अरब डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता राशि पर रोक लगा दी है.
पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता पर रोक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नववर्ष पर किये उस ट्वीट के बाद लगायी गयी जिसमें उन्होंने (ट्रंप ने) पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की सहायता राशि के बदले में उसने अमेरिका को सिर्फ झूठ और छल दिया है साथ आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह दी है. इस राशि में प्रमुख रुप से वित्त वर्ष 2016 के लिए विदेशी सैन्य अनुदान (एफएमएफ) में दिए जाने वाले 25 करोड 50 लाख डॉलर की राशि शामिल हैं, जिसे कांग्रेस ने अनिवार्य बना दिया था. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2017 के लिए पाकिस्तान को दी जाने वाली गठबंधन सहायता निधि (सीएसएफ) 90 करोड डॉलर पर भी रोक लगा दी है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने पत्रकारों से कहा, आज हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हम पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता केवल तब तक के लिए रोक रहे हैं जब तक की पाकिस्तान सरकार अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्वाई नहीं करता। हम उन्हें (समूह) क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने और अमेरिकी कर्मियों को निशाना बनाने वाला मानते हैं. अमेरिका, पाकिस्तान को दी जाने वाली इस तरह की सहायता पर रोक लगा रहा है.