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पाकिस्‍तान के साथ मिलकर चीन चल रहा है अब ये बड़ी चाल, जानें पूरा मामला

पेइचिंग : पाकिस्‍तान और अमेरिकी के बीच तनातनी का फायदा उठाते हुए चीन ने चुपके से पाकिस्‍तान में मिलिटरी बेस बना रहा है. अमेरिका की ओर से पाकिस्‍तान को दी जाने वाली सैन्‍य सहायता रोक दी गयी है. जबकि पाकिस्‍तान ने दावा किया है कि वह अभी भी अमेरिका के साथ रक्षा समझौते का पक्षधर […]

पेइचिंग : पाकिस्‍तान और अमेरिकी के बीच तनातनी का फायदा उठाते हुए चीन ने चुपके से पाकिस्‍तान में मिलिटरी बेस बना रहा है. अमेरिका की ओर से पाकिस्‍तान को दी जाने वाली सैन्‍य सहायता रोक दी गयी है. जबकि पाकिस्‍तान ने दावा किया है कि वह अभी भी अमेरिका के साथ रक्षा समझौते का पक्षधर है और दोनों देशों के बीच जल्‍द की विवाद समाप्‍त हो जायेगा.

इस बीच खबर आ रही है कि चीन ईरान के चाबहार पोर्ट के पास पाकिस्तानी मिलिटरी बेस का अधिग्रहण कर रहा है. पाकिस्तान ने इस खबर को पूरी तरह से खारिज किया है. वॉशिंगटन टाइम्स की एक खबर का के अनुसार, चीन पाकिस्तान में अपना दूसरे विदेशी मिलिटरी बेस बनाने की तैयारी कर रहा है.

इस मिलिटरी बेस के जरिए चीन रणनीतिक समुद्री रास्तों पर अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि यह जगह ईरान के चाबहार पोर्ट के पास है. बलूचिस्तान के ग्वादर से यह जगह बेहद नजदीक है. चाबहार भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. इसका मकसद अफगानिस्तान और भारत के बीच सीधा व्यापार करना है.

एक सूत्र के हवाले से टाइम्‍स नाउ ने लिखा है कि ‘ग्वादर पोर्ट पर युद्धपोतों के रख-रखाव की उपयुक्त व्यवस्था नहीं हो सकती है, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है. सैन्य साजो समान के लिए यह स्थान सही नहीं है.’ बता दें कि कुछ दिनों पहले अमेरिकी वेबसाइट ‘द डेली कॉलर’ ने भी ऐसे ही कुछ संकेत दिये थे, जिसके बाद चीनी अखबार की यह रिपोर्ट सामने आयी है.

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