बीजिंग : चीन के पूर्व सेना प्रमुख जनरल फैंग फेंघुई के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चलाया जायेगा. राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलायेगये अभियान के जाल में फंसने वाले वह नये शीर्ष रक्षा अधिकारी बन गये हैं. फैंग हाल तक दुनिया की सबसे बड़ी सेना के प्रमुख थे.
पिछले साल तक चीनकी सेना का प्रमुख रहने के अलावा जनरल फैंग राष्ट्रपति जिनपिंग की अध्यक्षता वाली चीन की शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के सदस्य थे. सीएमसी 23 लाख सैनिकों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का आला कमान है.
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फैंग पर पिछले कुछ समय से संदेह के बादल मंडरा रहे थे. भारत के साथ डोकलाम में 73 दिनों तक चले गतिरोध के बीच उन्हें पद से हटाया गया. सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने बताया कि रिश्वतखोरी के संदेह में फैंग का सैन्य अभियोजन प्राधिकरण में तबादला कर दिया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की मंजूरी के बाद उनका तबादला किया गया है. हांगकांग से चलाये जाने वाले साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार, 66 वर्षीय फैंग कभी पीएलए के सबसे युवा कमांडर थे. सेना के अंदरूनी लोग उन्हें अवसरवादी बताते हैं. पिछले साल नवंबर में उनके साथी जनरल झांग यांग ने आत्महत्या कर ली थी. वह भी भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जांच का सामना कर रहे थे.वह भी जिनपिंग की अध्यक्षता वाली सीएमसी के सदस्य थे.
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पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, फैंग के खिलाफ जांच की घोषणा में इतनी देरी झांग के अचानक आत्महत्या करने की वजह से हुई. झांग की मौत से सेना के मनोबल पर पड़े प्रभाव को घटाने के लिए फैंग के मामले को अब तक कुछ समय के लिए दरकिनार कर दिया गया था.