28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सैन्य सहायता रोके जाने से बौखलाया पाकिस्तान, अमेरिका के साथ खुफिया सहयोग पर लगायी रोक

वाशिंगटन : पाकिस्तान को दी जानेवाली अमेरिकी सैन्य सहायता बंद करने के ट्रंप प्रशासन के फैसले के बाद अमेरिका के साथ खुफिया सहयोग निलंबित करने के पाकिस्तानी कदम की खबरों के बीच वाशिंगटन ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि इस्लामाबाद उन आतंकवादी समूहों का आक्रामकता से सामना करने की इच्छा दर्शायेगा जो उसकी सरजमीन से […]

वाशिंगटन : पाकिस्तान को दी जानेवाली अमेरिकी सैन्य सहायता बंद करने के ट्रंप प्रशासन के फैसले के बाद अमेरिका के साथ खुफिया सहयोग निलंबित करने के पाकिस्तानी कदम की खबरों के बीच वाशिंगटन ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि इस्लामाबाद उन आतंकवादी समूहों का आक्रामकता से सामना करने की इच्छा दर्शायेगा जो उसकी सरजमीन से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि उसने अमेरिका को झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं दिया तथा उन्होंने उसे दी जानेवाली करीब दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी. रक्षा मंत्री खुर्म दस्तगीर खान के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि ट्रंप के इस बयान के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोकने का निर्णय किया है.

इस्लामाबाद में मंगलवारको इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज में एक सभा को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि देश के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों को देखते हुए पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य और खुफिया सहयोग को निलंबित कर दिया है. खान ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि अमेरिका युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में अपनी विफलता को लेकर पाकिस्तान को कुर्बानी का बकरा बना रहा है. इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि उसे पाकिस्तान द्वारा सैन्य सहयोग रोके जाने के बारे में सूचित नहीं किया गया है. दूतावास के प्रवक्ता रिचर्ड स्नेल्सर के हवाले से एक अखबार ने कहा है, निलंबन के बारे में हमें औपचारिक सूचना नहीं मिली है.

पाकिस्तान के इस कथित कदम के बारे में पूछे जाने पर वाशिंगटन में अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीव गोल्डस्टीन ने कहा, हम पाकिस्तान के साथ आगे भी सहयोग को लेकर आशान्वित हैं. उन्होंने कहा, हम बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकवादियों से निपटने में पाकिस्तान के साथ काम करने को लेकर तैयार हैं और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीन से गतिविधियों को अंजाम देनेवाले तालिबान नेटवर्क, हक्कानी नेटवर्क और आतंकवादी समूहों का आक्रामकता से सामना करने की इच्छा दर्शायेगा तथा इससे हमारे द्विपक्षीय सुरक्षा संबंध गहरे होंगे. गोल्डस्टीन ने कहा कि इस मामले को लेकर अमेरिका का रुख स्पष्ट रहा है. उन्होंने कहा, हम चाहेंगे कि पाकिस्तान बातचीत की मेज पर आये और इस प्रयास में हमारी मदद करे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहायता को रद्द नहीं किया गया है, बल्कि रोका गया है.

अमेरिका ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान को सैन्य उपकरण मुहैया नहीं करायेगा और सुरक्षा संबंधी कोष हस्तांतरित नहीं करेगा. पेंटागन के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका ने करोड़ों डॉलर की सहायता हासिल करने के लिए पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा है. पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत के साथ अपनी वार्ता का जिक्र करते हुए गोल्डस्टीन ने उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के प्रयासों में शामिल होगा. उन्होंने कहा, पाकिस्तान के लोगों ने आतंकवाद के कारण काफी कुछ सहा है और उसके सुरक्षाबल पाकिस्तान के हित को निशाना बनानेवाले समूहों से निपटने में प्रभावी रहे हैं. यह उनके लिए भी लाभकारी होगा कि वे इस समस्या से निपटने में हमारी मदद करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें