वॉशिंगटन : भारत के पड़ोसी मुल्क चीन की चोरी पकड़ी गयी है. ‘जी हां’ दुनिया के सामने भले ही चीन यह दिखा रहा है कि वह उत्तर कोरिया पर लगे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को सख्ती से लागू कर रहा है लेकिन वह चोरी-छिपे प्योंगयांग की मदद कर रहा है. जानकारी के अनुसार अमेरिकी खुफिया विभाग ने चीन के छह जहाजों को उत्तर कोरिया की मदद करते हुए पकड़ा है. अमेरिकी अधिकारियों ने सैटलाइट और अन्य खुफिया तरीकों से चीन के इन कार्गो शिप्स के संबंध में जानकारियां एकत्रित की हैं.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर की मानें तो, अमेरिकी खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जितने भी कार्गो शिप्स देखे गये हैं वो चीनी कंपनियों के हैं. इंटेलिजेंस द्वारा जुटाये गये सभी सबूतों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के समक्ष रखा गया है. इन सबूतों को पेश करने के बाद अमेरिका ने सभी 10 कार्गो शिप्स पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाये गये प्रतिबंध का उल्लंघन करने का आरोप लगाने की मांग की. चीन ने अमेरिका की इस मांग पर संयुक्त राष्ट्र को 4 जहाजों को ब्लैकलिस्ट करने की अनुमति प्रदान कर दी है, लेकिन उसने साथ ही चीन ने यह भी कहा है कि बाकी के 6 जहाजों का चीनी कंपनियों से कोई संबंध नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र को सौंपी गयी इंटेलिजेंस रिपोर्ट, फोटो और नक्शों के अनुसार चीन के ये जहाज गैरकानूनी तरीके से उत्तर कोरिया से कोयला ले जा रहे थे और इन्हें रूस, वियतनाम या अन्य जहाजों को ट्रांसपॉर्ट करने का काम कर रहे थे. कुछ पोतों ने लोकेशन छिपाने के लिए अपने ऑटोमैटिक आइडेंटिफ़िकेशन सिस्टम को बंद कर रखा था. इधर, चीन ने 6 कार्गो शिप्स में से 4 के मैनेजर और मालिकों से पूछताछ की है जिनमें से किसी एक को गिरफ्तार करने की भी खबर है.
यहां चर्चा कर दें कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा किये जा रहे लगातार मिसाइल और परमाणु परीक्षण के कारण उस पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट डाला था जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाये थे.