चंग हिओन ने टेनिस रैकेट एक डॉक्टर की सलाह के बाद चुना था. डॉक्टर का मशविरा था कि ग्रीन कोर्ट से उनकी कमज़ोर आंखों को मदद मिलेगी.
चश्मा पहनने वाले चंग हिओन ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
12 ग्रैंड स्लैम ख़िताब अपने नाम करने वाले नोवाक जोकोविच को हराना चंग हिओन के करियर की सबसे बड़ी जीत है. वे अब ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वॉर्टर फ़ाइनल में पहुंच गए हैं.
इस जीत के साथ चंग टेनिस के ऐसे ‘एकलव्य’ बन गए हैं जिन्होंने ‘द्रोणाचार्य’ को ही मात दे दी है. दरअसल, वो जोकोविच को अपना आदर्श मानते हैं और कहते हैं कि कोर्ट पर वो उनकी नकल करते हैं.
चंग हिओन को उनके दोस्त प्यार से ‘प्रोफ़ेसर’ बुलाते हैं. इसकी वजह है सफ़ेद रंग का मोटे फ़्रेम वाला उनका ट्रेडमार्क चश्मा.
21 साल के इस खिलाड़ी ने चौथी वरीयता प्राप्त एलेक्ज़ेंडर ज़ेवेरेव को तीसरे ही राउंड में धूल चटाकर बिजली सी रफ्तार दिखाई है.
एटीपी मोस्ट इम्प्रूव्ड प्लेयर
लेकिन चंग हिओन इस मुकाम पर कदम दर कदम बढ़ाते हुए पहुंचे हैं. साल 2015 में चंग ने ‘एटीपी मोस्ट इम्प्रूव्ड प्लेयर’ का अवॉर्ड जीता.
पिछले साल म्यूनिख में ही चंग ने सेमीफ़ाइनल में पहुंचकर अपने इरादे जतला दिए थे.
नवंबर में मिलान में नेक्स्ट जेन एटीपी फ़ाइनल्स में उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की थी.
चंग हिओन अपनी ख़ास शैली में रक्षात्मक शॉट्स खेलते हैं, जिनमें गज़ब की तेज़ रफ्तार होती है. वे सीधे हाथों से ताक़तवर शॉट्स लगाते हैं.
अपना पहला टाइटल उन्होंने उच्च वरीयता प्राप्त एंद्रेई रुबलेव को मेलबर्न में हराकर हासिल किया.
जोकोविच आदर्श
चंग के आदर्श जोकोविच हैं और उनके खेल में नोवाक की झलक भी मिलती है.
चंग ने जोकोविच की चालों का ही बेहतरीन नमूना दिखाते हुए उन्हें सोमवार के रोमांचक मुक़ाबले में हरा दिया.
उन्होंने कहा, "मैं नोवाक की नकल करने की कोशिश कर रहा हूं क्योंकि वो मेरे आदर्श हैं."
रफ़ाएल नडाल के साथ सेल्फ़ी लेने के बाद चंग की ख्वाहिश अब नोवाक जोकोविच के साथ भी फ़ोटो खिंचवाने की है.
चंग दक्षिण कोरिया के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी ग्रैंड स्लैम के अंतिम आठ में पहुंचने में कामयाब हुए हैं.
ग्रीन कोर्ट
छह साल की उम्र में चंग हिओन ने पिता की तरफ़ से प्रोत्साहन मिलने के बाद टेनिस खेलना शुरू कर दिया था.
चंग के पिता सिओक जिन टेनिस कोच हैं और उनके भाई होंग भी प्लेयर हैं. बचपन में चुंग की आंखों की रोशनी कमज़ोर थी और उनकी पलकें लगातार झपकती रहती थीं.
डॉक्टर ने उन्हें मायोपिया (नजदीक की नज़र कमज़ोर होना) से पीड़ित बताया. उनसे कहा गया कि ग्रीन कोर्ट में टेनिस खेलने से उनकी आंखों को मदद मिलेगी.
चंग बताते हैं, मैंने हमेशा चश्मा पहनकर ही खेला है. बिना चश्मे के मैं केवल लोगों को देख सकता हूं लेकिन मैं टेनिस नहीं खेल सकता.
चंग का अपनी आंखों की सर्जरी कराने का कोई इरादा नहीं है. उन्हें लगता है कि बिना चश्मे के वे ‘नंगा महसूस’ करेंगे.
सेना का प्रशिक्षण
चंग कहते हैं, "मैं फिलहाल अपने मौजूदा खेल पर ध्यान दे रहा हूं. मुझे तैयार होना है."
चंग ने 13 साल की उम्र में ही फ्लोरिडा के आईएमजी एकैडमी में दो साल की ट्रेनिंग ली और उन्होंने दक्षिण कोरिया में सेना का प्रशिक्षण भी लिया है.
इस हफ़्ते उन्होंने शरमाते हुए कबूल किया कि उनकी कोई गर्लफ़्रेंड नहीं है और मैच से पहले वो चाइनिज खाना पसंद करते हैं.
नवंबर में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि खाली समय में वे बिस्तर पर लेटे रहते हैं और ऐसा वे कई दिनों तक कर सकते हैं.
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