स्वतंत्रता आंदोलन की एक समर्पित कार्यकर्ता

मालती चौधरी (1904-1998) मालती देवी चौधरी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक समर्पित कार्यकर्ता थीं. वे वैचारिक रूप से गांधीवादी थीं. संविधान सभा की सदस्य होने के नाते, संविधान निर्माण में इनका भी अहम योगदान था. वर्ष 1904 में एक उच्च मध्यम परिवार में पैदा हुईं मालती देव के पिता कुमुद नाथ सेन बैरिस्टर थे. मालती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2018 12:43 PM

मालती चौधरी (1904-1998)

मालती देवी चौधरी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक समर्पित कार्यकर्ता थीं. वे वैचारिक रूप से गांधीवादी थीं. संविधान सभा की सदस्य होने के नाते, संविधान निर्माण में इनका भी अहम योगदान था. वर्ष 1904 में एक उच्च मध्यम परिवार में पैदा हुईं मालती देव के पिता कुमुद नाथ सेन बैरिस्टर थे.

मालती देवी चौधरी जब मात्र ढाई वर्ष की थीं, तब ही उनके पिता गुजर गये थे. मालती के परिवार मूल रूप से बिक्रमपुर, ढाका (अब बांग्लादेश में) के रहनेवाले थे, लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने सिमुलाताल में बसने का फैसला किया था. मालती चौधरी के नाना बिहारी लाल गुप्त आइसीएस थे, वे बड़ौदा के दीवान बन गये थे. घर में सबसे छोटी होने की वजह इन्हें बड़े ही लाड़-प्यार से पाला गया. मालती चौधरी अपने सभी भाइ और बहन के प्रिय थीं. उनकी मां स्नेहलता महिला अधिकारों के लिए लेखन किया करती थीं, उन्होंने रवींद्र नाथ टैगोर के कुछ कामों का अनुवाद किया था.

इनका असर मालती चौधरी पर भी हुआ. बाद में इनकी मां रवींद्रनाथ टैगोर के विश्व भारती में शामिल हो गयीं. मालती चौधरी पर भी गुरुदेव और उनकी शिक्षा, उनकी देशभक्ति व आदर्शवाद का व्यक्तिगत प्रभाव पड़ा. इसने उन्हें प्रभावित किया और उसके पूरे जीवन में मालती को निर्देशित किया.

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