वाशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के छह नेताओं पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिये. साथ ही, उसने पाकिस्तान पर आतंकवादियों के पनाहगाह खत्म करने और उनकी वित्त पोषण गतिविधियों को आक्रामक रूप से निशाना बनाने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने का दबाव बनाया. हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों के खिलाफ कई अपहरण और हमले किये. वह अफगानिस्तान में भारतीय हितों के खिलाफ कई घातक हमलों का भी जिम्मेदार है, जिसमें काबुल में वर्ष 2008 में भारतीय मिशन पर हुआ हमला शामिल है, जिसमें 58 लोग मारे गये थे.
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पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ष 2018 के अपने पहले ट्वीट में पाकिस्तान पर झूठ बोलने और धोखा देने तथा आतंकवादियों को पनाह देते हुए अमेरिकी नेताओं को मूर्ख बनाने का आरोप लगाया था. अमेरिका की ताजा कार्रवाई में तालिबान के चार नेताओं अब्दुल समद सानी, अब्दुल कदीर बसीर अब्दुल बसीर, हाफिज मोहम्मद पोपलजई और मौलवी इनायतुल्लाह तथा हक्कानी नेटवर्क के दो नेताओं फाकिर मुहम्मद और गुला खान हामिदी पर प्रतिबंध लगाये गये हैं. अमेरिका ने सभी छह आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है.
इन प्रतिबंधों के तहत इन आतंकवादियों की अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सारी संपत्ति जब्त की जायेगी. इनके साथ अमेरिकी नागरिकों के लेन-देन पर भी रोक रहेगी. आतंकवाद और वित्तीय खुफिया विभाग के अवर सचिव सिगल मंडेलकर ने कहा कि हम तालिबान या हक्कानी नेटवर्क से जुड़े छह व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो गठबंधन सेनाओं पर हमले, तस्करी या इन आतंकवादी समूहों के वित्त पोषण में शामिल रहे हैं.