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”स्टेट ऑफ द यूनियन” में ट्रंप का पहला भाषण, कहा-अातंकी समूहों के साथ उ कोरिया, चीन और रूस हमारे लिए चुनौती

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि चीन और रूस जैसे ‘प्रतिद्वंद्वी’ अमेरिका के हितों, अर्थव्यवस्था और मूल्यों को चुनौती पेश कर रहे हैं. ‘स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस’ में बुधवार को अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने कहा, ‘हम देश में अमेरिका की शक्ति एवं आत्मविश्वास को फिर से विकसित […]

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि चीन और रूस जैसे ‘प्रतिद्वंद्वी’ अमेरिका के हितों, अर्थव्यवस्था और मूल्यों को चुनौती पेश कर रहे हैं. ‘स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस’ में बुधवार को अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने कहा, ‘हम देश में अमेरिका की शक्ति एवं आत्मविश्वास को फिर से विकसित करने के साथ, विदेशों में भी अपनी ताकत एवं प्रतिष्ठा बहाल कर रहे हैं. दुनिया भर में हम कपटी शासन, आतंकवादी समूहों और चीन तथा रूस जैस प्रतिद्वंद्वियों का सामना कर रहे हैं जो हमारे हितों, हमारी अर्थव्यस्था और हमारे मूल्यों को चुनौती पेश कर रहे हैं.’ उन्होंने चेतावनी दी कि परमाणु हथियार को लेकर उत्तर कोरिया का पागलपन अमेरिकी शहरों के लिए खतरा हो सकता है.

स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन वार्षिक पारंपरिक संबोधन है, जिसमे अमेरिका के राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए देश की स्थिति का ब्योरा देते हैं. उन्होंने कहा, ‘आज रात, मैं सभी से अपील करता हूं कि अपने मतभेदों से ऊपर उठें, समान आधार खोजें और जिनकी सेवा करने के लिए हम निर्वाचित हुए हैं, उनके लिए एकजुट हों.’ ट्रंप ने अपने संबोधन में देश के लोगों से अपील की कि वे डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच मौजूद मतभेदों से ऊपर उठें.

उन्होंने कांग्रेस से सेना को पूरा फंड मुहैया कराने की मांग करते हुए कहा, ‘इन खतरों का सामना करते हुए, हमें पता है कि कमजोरियां हमें संघर्ष के रास्ते पर ले जायेंगी और बेजोड़ शक्ति ही हमारी रक्षा कर सकती है.’ ट्रंप ने कहा, ‘अपनी रक्षा के लिए, हमें अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण एवं पुनर्निर्माण करना चाहिए, उम्मीद है कि इसके इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं पड़े, लेकिन उसे अधिक मजबूत एवं शक्तिशाली बनाने से अक्रामकता के किसी भी कृत्य पर अंकुश लगा पाना संभव होगा.’ उन्होंने कहा, ‘शायद भविष्य में ऐसा कोई दिन भी आये जब दुनिया भर के देश परमाणु कार्यक्रमों का खात्मा करने के लिए एकजुट हों.’

ट्रंप ने अपने संबोधन में चेतावनी दी कि परमाणु हथियार को लेकर उत्तर कोरिया का पागलपन अमेरिकी शहरों के लिए खतरा हो सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह पूर्ववर्ती प्रशासनों की गलतियों को नहीं दोहरायेंगे जिनके कारण अमेरिका ‘खतरे की स्थिति में है.’ ट्रंप ने कहा कि किसी भी शासन ने अपने नागरिकों का उस तरह और उतनी बर्बरता से दमन नहीं किया जितना कि किम जोंग उन ने. ट्रंप ने संकेत दिये कि उत्तर कोरिया के हाथ परमाणु हथियार को रोकने के लिए वह कदम उठायेंगे. उन्होंने कहा, ‘परमाणु मिसाइलों के लिए उत्तर कोरिया का बेरोक-टोक अभियान बहुत जल्द हमारे देश के लिए खतरा पैदा हो सकता है. हम अधिकतम दबाव बनाने का एक अभियान चला रहे हैं ताकि ऐसा होने से रोका जा सके.’ उत्तर कोरिया के शासन के ‘दुष्ट चरित्र’ का अपने भाषण में उल्लेख करते हुए उन्होंने उत्तर कोरिया के दो पीड़ितों की कहानी बतायी.

ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका और हमारे सहयोगियों के समक्ष परमाणु खतरे की प्रकृति को समझने के लिए हमें उत्तर कोरिया के दुष्ट चरित्र पर नजर डालने भर की जरूरत है.’ उन्होंने अमेरिकी छात्र ओट्टो वार्मबियर के बारे में बताया जिसे 17 महीने तक उत्तर कोरिया में कैदी बनाकर रखा गया था और रिहा होने के कुछ ही दिन बाद पिछले वर्ष अमेरिका में उसकी मौत हो गयी. उन्होंने बताया, ‘ओट्टो वर्जीनिया विश्वविद्यालय का मेहनती छात्र था. वह एशिया में पढ़ाई कर रहा था. वह उत्तर कोरिया दौरे पर गया था. दौरे के अंत में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और राज्य के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया.’ ट्रंप ने कहा,‘शर्मनाक मुकदमे के बाद तानाशाह ने उसे 15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी. पिछले वर्ष जून में उसे अमेरिका को लौटाया गया. वह बुरी तरह घायल था और मौत की कगार पर था. लौटने के कुछ दिन बाद वह चल बसा.’ ट्रंप ने ओट्टो के परिजन की ओर संकेत किया जो सभा में मौजूद थे. अपने भाषण में उत्तर कोरिया के उत्पीड़न के शिकार जी सेआंग हो का भी उन्होंने जिक्र किया.

ट्रंप ने कहा, पिछले साल उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर धरती से आइएसआइएस का खात्मा करने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा, ‘एक साल बाद, मुझे यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि आइएसआइएस का खात्मा करनेवाले गठबंधन ने ईराक और सीरिया में उनके कब्जेवालों क्षेत्रों का लगभग 100 प्रतिशत हिस्सा स्वतंत्र करा लिया है. लेकिन अभी और बहुत काम किया जाना बाकी है. आइएसआइएस के खात्मे तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.’

भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल सहित डेमोक्रेटिक पार्टी के करीब एक दर्जन सांसदों के बहिष्कार के बीच ट्रंप ने अपना परंपरागत संबोधन दिया. अन्य भारतीय-अमेरिकी सांसदों डॉक्टर अमि बेरा, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति ने संबोधन में हिस्सा लिया. कैलिफोर्निया से भारतीय-अफ्रीकी मूल की सीनेटर कमला हैरिस भी संबोधन में उपस्थित रहीं. रिपब्लिकन पार्टी के करीब दर्जन भर सांसद संबोधन शुरू होने से काफी पहले ही हाउस चेंबर्स में पहुंच कर किनारे की कुर्सियों पर काबिज हो गये थे, ताकि राष्ट्रपति से हाथ मिला सकें. इसके अलावा संबोधन में हैदराबाद के इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की पत्नी सुनयना धूमाला बतौर अतिथि शामिल हुईं. कुचिभोटला की पिछले वर्ष कानसास में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. रिपब्लिकन पार्टी के सांसद केविन योदेर ने सुनयना को आमंत्रित किया था.

उपराष्ट्रपति माइक पेंस, ट्रंप कैबिनेट के अन्य सदस्य, शीर्ष सैन्य नेतृत्व और सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भी संबोधन के दौरान उपस्थित थे. कृषि मंत्री सोनी पेरड्यू किसी अप्रिय घटना के कारण बाहर होने की वजह से संबोधन में हिस्सा नहीं ले सके. दर्शकों और सांसदों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रथम महिला मेलेनिया ट्रंप का संबोधन स्थल पर स्वागत किया.

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