नयी दिल्ली: मालदीव के दूत ने आज कहा कि उनके देश के राष्ट्रपति के विशेष दूत की विदेश यात्रा की जो योजना बनी थी, उसका पहला पड़ाव भारत था लेकिन भारतीय नेतृत्व के पूर्व निधार्रित कार्यक्रम के कारण ऐसा नहीं हो पाया. उनका बयान इस पृष्ठभूमि में आया है कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अपने देश में गहराते राजनीतिक संकट के बारे में विस्तार से बताने के लिए चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब विशेष दूत भेज रहे हैं. यहां मालदीव के दूत अहमद मोहम्मद ने पीटीआइ भाषा से कहा, ‘‘मालदीव के राष्ट्रपति के विशेष दूत की प्रस्तावित यात्रा की योजना के हिसाब से भारत वाकई पहला ठहराव था. लेकिन प्रस्तावित तारीखें भारतीय नेतृत्व के लिए उपयुक्त नहीं थीं. ‘
राष्ट्रपति यामीन ने अपने देश के संकट के मद्देनजर आर्थिक विकास मंत्री मोहम्मद सईद को चीन और विदेश मंत्री मोहम्मद आसिम को पाकिस्तान भेजा है. मात्स्यिकी और कृषि मंत्री मोहम्मद सैनी सऊदी अरब जा रहे हैं. मालदीव के शीर्ष न्यायालय ने जेल में बंद विपक्षी नेताओं को यह कहते हुए रिहा करने का आदेश दिया था कि उनकी सुनवाई राजनीति से प्रेरित और त्रुटिपूर्ण है. उसके बाद मालदीव बृहस्पतिवार को अराजक स्थिति में फंस गया. वैसे लोकतांत्रिकरूप से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के अपदस्थ होने के बाद से ही मालदीव कई राजनीतिक संकटों से दो चार हो चुका है.
मालदीव की स्थिति पर नजर रख रहे भारत ने मंगलवार को कहा था कि वह वहां की सरकार द्वारा आपातकाल की घोषणा से विचलित है और उसने प्रधान न्यायाधीश एवं राजनीतिक हस्तियों की गिरफ्तारी को चिंता का विषय बताया.