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पाकिस्तान में ”पैडमैन” बैन, सोशल मीडिया पर गुस्सा निकाल रहीं महिलाएं

"हम इस तरह के विषयों पर बनी फ़िल्मों की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दे सकते. ये हमारे सिनेमा, धर्म, समाज और संस्कृति का हिस्सा नहीं है" – ये बात पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने माहवारी धर्म और सैनिटरी नैपकिन्स जैसे संजीदा मुद्दों पर बनी बॉलीवुड फ़िल्म ‘पैडमैन’ के बारे में कही हैं. पाकिस्तान […]

"हम इस तरह के विषयों पर बनी फ़िल्मों की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दे सकते. ये हमारे सिनेमा, धर्म, समाज और संस्कृति का हिस्सा नहीं है" – ये बात पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने माहवारी धर्म और सैनिटरी नैपकिन्स जैसे संजीदा मुद्दों पर बनी बॉलीवुड फ़िल्म ‘पैडमैन’ के बारे में कही हैं.

पाकिस्तान के फ़ेडरल सेंसर बोर्ड को इस भारतीय फ़िल्म के विषय यानी माहवारी से इतनी दिक्कत थी उसने फ़िल्म रिलीज़ करने की अनुमति तो दूर, इसे देखने की ज़हमत भी नहीं उठाई.

सेंसर बोर्ड के फ़ैसले से पाकिस्तानी जनता, ख़ासकर वहां की महिलाएं बेहद ख़फ़ा हैं. वो फ़ेसबुक और ट्विटर पर खुलकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रही हैं.

विरोध के तौर पर वो औरतों से सोशल मीडिया पर पीरियड्स के बारे में लिखने को कह रही हैं.

पेशे से वकील शुमाइला हुसैन भी इन नाराज़ महिलाओँ में से एक हैं. उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा कि फ़िल्म को बैन करना तो ग़लत है ही, उससे भी ज़्यादा ग़लत ये है कि सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म देखी तक नहीं.

उन्होंने कहा, "फ़िल्म को बैन करके शायद वो दुनिया को ये बताना चाहते हैं कि मुसलमान औरतें इतनी पवित्र हैं कि उन्हें पीरियड्स नहीं होते."

शुमैला हंसते हुए कहती हैं, "अगर मर्दों को पीरियड्स होते तो इसे मर्दानगी की निशानी माना जाता. लोग इसके बारे में शान से बात करते लेकिन चूंकि ये सिर्फ औरतों को होते हैं तो ये ‘टैबू सब्जेक्ट’ हो गया."

पाकिस्तान के ‘गर्ल्स ऐट ढाबाज़’ नाम के एक ग्रुप ने भी एक फ़ेसबुक पोस्ट में सेंसर बोर्ड को जमकर लताड़ा है.

उन्होंने हाथ में पैड लिए एक लड़की की तस्वीर पोस्ट की है और साथ में लिखा है:

"हैलो सेंसर बोर्ड! मुसलमान औरतों को पीरियड्स होते हैं. जो मुसलमान नहीं हैं, उन औरतों को भी पीरिय्डस होते हैं. ‘पैडमैन’ में कुछ भी ऐसा नहीं है जो हमारे इस्लामिक परंपराओं के ख़िलाफ़ हो. फ़िल्म बैन करके आप औरतों से कह रहे हैं कि आपके मासिक धर्म का ख़ून शर्मनाक है.

आप हमसे अपने पीरियड्स से जुड़ी सारी कहानियां शेयर कीजिए. कब आपको पीरियड्स के लिए शर्मिंदा किया गया, कब-कब आप रूढ़िवादी मान्यताओं से लड़ीं और किस तरह जीतकर निकलीं."

पोस्ट में आगे लिखा गया है कि आप पीरियड्स में दर्द होने पर क्या करती हैं और ज़िंदगी में होने वाली गड़बड़ के लिए कब-कब पीरियड्स को ज़िम्मेदार ठहराती हैं. ये सब बताइए, हम आपको सुनना चाहते हैं.

माहिरा ख़ान और सना इक़बाल जैसे पाकिस्तान के जनेमाने लोग भी सेंसर बोर्ड के इस फ़ैसले के विरोध में उतर आए हैं.

पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार मेहर तरार ने भी ट्वीट करके कहा कि पाकिस्तान में ‘पैडमैन’ का समर्थन किया जाना चाहिए.

उन्होंने लिखा, "पैडमैन पर लगे बैन के ख़िलाफ़ पाकिस्तानी अभिनेत्रियां, पत्रकार और कार्यकर्ता आवाज़ उठा रहे हैं. ये अच्छा कदम है."

‘पैडमैन’ गरीब महिलाओं के लिए सस्ते सैनिटरी नैपकिन बनाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुणाचलम मुरुगनाथम के जीवन पर आधारित है.

फ़िल्म में अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर प्रमुख भूमिका में हैं.

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