पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ अब उस पार्टी का नेतृत्व नहीं कर सकते जिसके वो संस्थापक थे.
यानी नवाज़ शरीफ़ को सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष पद के अयोग्य ठहरा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि पार्टी अध्यक्ष रहते हुए नवाज़ शरीफ़ ने जो फ़ैसले लिए वो अमान्य हैं.
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में नवाज़ शरीफ़ को पनामा लीक्स मामले में दोषी क़रार दिया था. जिसके बाद वे प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य हो गए थे. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद नवाज़ शरीफ़ ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
प्रधानमंत्री पद से हटने के बावजूद उनकी पार्टी ने नवाज़ शरीफ़ को अध्यक्ष चुना था, लेकिन आज कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि अयोग्यता को लेकर दिया गया उनका पूर्व आदेश का मतलब है कि वह पार्टी का नेतृत्व भी नहीं कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अध्यक्ष के तौर पर लिए गए नवाज़ शरीफ़ के फ़ैसले अमान्य होंगे. इसका मतलब ये हुआ कि शरीफ़ की तरफ़ से सीनेट के लिए पार्टी उम्मीदवारों जो टिकट जारी किए गए थे, वह भी अमान्य होंगे.
पनामा मामले में नवाज़ शरीफ़ की कुर्सी गई
सियासी मैदान में टिक पाएँगे नवाज़ शरीफ़?
इस फ़ैसले से अगले महीने होने वाले सीनेट के चुनावों को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति बन गई है.
शरीफ़ ने दावा किया है कि उनके ख़िलाफ़ राजनीतिक षडयंत्र किया गया है. उनकी पार्टी को निचले सदन नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल है और उम्मीद थी कि आगामी चुनावों में सीनेट में भी उनकी ही पार्टी का नियंत्रण होता.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री और नवाज़ के भाई शाहबाज़ शरीफ़ लाहौर में नवाज़ के घर पहुँच गए हैं और वहाँ भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
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