वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच- 1बी वीजा जारी करने के नियम सख्त कर दिये हैं. अमेरिकी सरकार के इस फैसले से भारतीय आईटी कंपनियों को बड़ी समस्या हो सकती है. अमेरिका में जॉब-वर्क करने वाली भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां कम अवधि के लिए भारत से आईटी प्रोफेशनलों को बुलाती थी. ऐसे में अब अल्पकालिक अवधि के लिए उन्हें बुलाना कठिन हो जायेगा.
अमेरिकी सरकार की नयी नीति के तहत अब यह साबित करना होगा कि एक या एक से अधिक स्थानों पर जॉब-वर्क की तरह के काम करने के लिए इस वीजा पर बुलाये जा रहे कर्मचारी का काम विशिष्ट प्रकार का है और उसे खास जरूरत के लिए बुलाया जा रहा है.
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सरकार यह वीजा ऐसे कर्मचारियों के लिए जारी करती है जो बहुत उच्च कौशल प्राप्त होते हैं और उस तरह के हुनरमंद लोगों की अमेरिका में कमी होती है. सरकार ने गुरुवार को सात पृष्ठ का एक नीतिगत दस्तावेज जारी किया, जिसमें एच1बी वीजा के नये नियम जारी किये गये हैं.
इसके तहत अमेरिका के नागरिकता और आव्रजन विभाग को यह वीजा केवल तीसरे पक्ष के साइट कार्य (कार्यस्थल) की अवधि तक के लिए जारी करने की ही अनुमति होगी. इस तरह इसकी अवधि तीन साल से कम की हो सकती है जबकि पहले यह एक बार में तीन साल के लिए दिया जाता था.
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यह नियम लागू हो गया है. इसके लिए ऐसा समय चुना गया है जबकि 1 अक्तूबर 2018-19 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए एच1बी वीजा के आवेदन 2 अप्रैल से आमंत्रित किये जा सकते हैं.