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… आखिर ट्रंप से क्यों मिलना चाहते हैं किम जोंग ?

वाशिंगटन : युद्ध की धमकी देकर पूरे विश्व को आतंकित करने वाले डोनॉल्ड ट्रंप और किम जोंग मई महीने में मुलाकात करेंगे. गुरूवार को जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग ईयू-योंग ने व्हाइट हाउस में ट्रंप और किम जोंग के बीच मुलाकात की घोषणा की, तो इस मुलाकात की सूचना मिलते ही वैश्विक […]

वाशिंगटन : युद्ध की धमकी देकर पूरे विश्व को आतंकित करने वाले डोनॉल्ड ट्रंप और किम जोंग मई महीने में मुलाकात करेंगे. गुरूवार को जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग ईयू-योंग ने व्हाइट हाउस में ट्रंप और किम जोंग के बीच मुलाकात की घोषणा की, तो इस मुलाकात की सूचना मिलते ही वैश्विक जगत अचंभे में पड़ गया. गौरतलब है कि कि किम जोंग अमेरिका को परमाणु व मिसाइल हमले की धमकी दे चुके हैं. फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि दोनों के बीच मुलाकात की खबरें आने लगी.

सुरक्षा विश्लेषक डॉ माल्कॉम डेविस के मुताबिक इस मुलाकात से कुछ ज्यादा हासिल नहीं होने वाला है. उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम बंद करने का कोई इरादा नहीं है. जब तक उत्तर कोरिया परमाणुविहीन नहीं होता, तब तक शांति की उम्मीद नहीं की जा सकती है. मॉल्कॉम डेविस ने कहा कि संभव है कि उत्तर कोरिया पर बढ़ते आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर किम जोंग ट्रंप से मुलाकात करने को मजबूर हो गये हैं. दोनों की मुलाकात प्योनांगयेंग सिटी में होने की संभावना जतायी जा रही है.
उत्तर कोरिया पर पैनी निगाह रखने वाले सीएनएन के संवाददाता विल रिपले ने कहा कि इस मुलाकात का श्रेय दक्षिण कोरिया को जाता है. विल के मुताबिक किम को पता है कि ट्रंप नाटकीय घटनाओं में दिलचस्पी रखते हैं और आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था चरमरायी हुई है. उत्तर कोरिया जाने वाली चीनी ट्रकें वापस खाली लौट रही है. ऐसी परिस्थिति में वह ट्रंप से मुलाकात कर रहे हैं.

दक्षिण कोरिया आखिर क्यों किम और ट्रंप को मिलवाना चाहता है

उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम के रूख से जापान और साउथ कोरिया दोनों ही पड़ोसी मुल्क परेशान रहते हैं. इस हालत में तनाव कम करने के लिए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सालाहकार ने अमेरिका और उत्तर कोरिया को साथ मिलवाने की कोशिश की है. अब तक अमेरिका के किसी शासक ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात नहीं की है. ऐसे में यह मुलाकात ऐतिहासिक माना जा रहा है.
मुलाकात के दौरान अमेरिका ने एक शर्त भी रखी है. शर्त के मुताबिक उत्तर कोरिया कोरिया को मिसाइल टेस्टिंग से खुद को दूर रखना होगा. इस बीच उत्तर कोरिया के किम जोंग को इस बात की जानकारी है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया दोनों में सैन्य अभ्यास भी करेंगे. ट्रंप ने कई बार तीखे हमले किये हैं और किम को लिटील रॉकेट मैन बताया था.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘ हम उत्तर कोरिया के परमाणु नि: शस्त्रीकरण को लेकर उत्साहित हैं. इस बीच, सभी प्रतिबंध और अधिकतम दबाव जारी रहने चाहिए.’ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप और कोरियाई नेता किम की अगले कुछ महीनों में मुलाकात हो सकती है

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